जहां दुनिया परिस्थितिक तंत्र के संरक्षा और जलवायु अनुकूलन के बारे में जानने के लिए पशुपालकों का सहारा लेती हैं, वहीं जम्मू एवं कश्मीर में इस ज्ञान के संरक्षकों में शिक्षा और काम करने लायक़ साक्षरता की भी कमी है। फलस्वरूप ये जनजातियां अदृश्य एवं पिछड़ों का जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।जम्मू एवं कश्मीर […]