आईडीआर पर अपनी कहानी कहिए

आईडीआर हिंदी पर हम नए और बेहतरीन विचारों और कहानियों को जगह देने में यक़ीन रखते हैं। ये कहानियां कहीं से भी, किसी से भी आ सकती हैं और किसी की भी हो सकती हैं। ऐसा करते हुए, हमारी संपादकीय नजर इस बात पर बनी रहती है कि हम विकास सेक्टर के हर कोने से जुड़ी कहानियों को जगह दे पाएं। इनमें मुख्यरूप से समस्याओं के हल, नई तरह की समझ बनाने और कुछ सबक़ देने वाली कहानियां शामिल हैं। ये कहानियां लेख, तस्वीर, ऑडियो और वीडियो फ़ॉर्मेट में हो सकती हैं। यह काम हम कैसे और किनके लिए करते हैं, और आप हमसे कैसे जुड़ सकते हैं, इन तमाम बातों की जानकारी यहां पर दी गई है।

अगर आपके पास कोई आइडिया है तो आप हमारे इन पांच मूल्यांकन बिंदुओं पर उसे परखिए –

  1. विशेषज्ञता – आप जिस विषय पर कॉन्टेंट (लिखित, ऑडियो या वीडियो) तैयार कर रहे हैं, उसके बारे में आपको अच्छी जानकारी होनी चाहिए। उदाहरण देखें।
  2. प्रमाण (एविडेंस) – जब भी आप आईडीआर के लिए कोई कॉन्टेंट तैयार कर रहे हों, ध्यान रखें कि आपको प्रमाण के साथ अपनी बात कहनी है, सिर्फ़ दावा करना काफ़ी नहीं है । आप प्रमाण देने के लिए किसी शोध, रिपोर्ट, आंकड़े या उदाहरण का हवाला दे सकते हैं। इसके इलावा आप अपने या अपने साथियों के अनुभव से भी उपयुक्त उदाहरण दे सकते हैं। उदाहरण देखें।
  3. नए विचार –  आपकी कहानी को अलग बनाने वाले नज़रिए (एंगल) या विचार पर गौर करें। अपने विवेक पर परखें कि अगर कोई कहानी कही जानी है तो क्यों कही जानी है, क्या यह पहले कही जा चुकी है और यह किस तरह से लोगों के लिए उपयोगी होगी। सोचें कि जो कहानी आप कहना चाहते हैं, वह अगर आपके सामने आती तो आप किन वजहों से उसे पढ़ना पसंद करते। उदाहरण देखें।
  4. जुड़ाव (रेलेवेंस) – आईडीआर के पाठक नई सोच के साथ-साथ अपनी संस्थाओं को चलाने के नए तरीक़े सीखने और उन्हें बदलने से जुड़े सुझाव जानने के लिए भी इस मंच पर आते हैं। अगर आप अपनी सोच को इस तरह व्यक्त कर सकते हैं कि पाठक उन्हें पूरी तरह समझ सके और वास्तविक परिस्थितियों में उसे लागू कर सके, तो आपका कॉन्टेंट अधिक मज़बूत बन सकेगा।
  5. सरलता और स्पष्टता – जीवन में व्यस्त होने के चलते पाठक अपना बहुत सीमित समय और ध्यान ही दे पाते हैं, खासकर ज़मीनी कार्यकर्ता, जिन तक जानकारियां पहुंचाना आईडीआर का पहला उद्देश्य है। इसलिए किसी भी लेख या मल्टीमीडिया कॉन्टेंट का विचार, भाषा और ढांचा (स्ट्रक्चर) कभी भी कठिन, उबाऊ और अटकाने वाला नहीं होना चाहिए। किसी भी विषय पर लिखते हुए पहले उसका सामान्य परिचय दें। कोई भी बात बहुत थोड़े में या बहुत अधिक विस्तार से कहने से बचें। उदाहरण देखें।

कुछ सामान्य आइडिया जिन पर आलेख लिखे जा सकते हैं 

  1. कैपेसिटी बिल्डिंग –  कहानियां जो डेवलपमेंट सेक्टर में यानी एनजीओ के साथ काम कर रहे लोगों को उनके काम में मदद करती है या किसी कौशल से जुड़ी जानकारी देती है। किसी संस्था को खड़ा करने, टीम बनाने और उसको मैनेज करने, रिपोर्ट लिखने, प्रजेंटेशन बनाने, बजट तय करने, बेहतर तरीके से अपनी बात रखने से जुड़े सुझाव यहां पर दिये जा सकते हैं। कुल मिलाकर, ऐसी कहानियां जिनमें यह बताया गया हो कि कोई कोई काम कैसे करना है। 
  2. सेक्टर से जुड़ी कहानियां – आप जिस भी सेक्टर में काम कर रहे हों, उस सेक्टर से जुड़ी कहानियों में वे सीखें और सुझाव शामिल किए जा सकते हैं जो उसी सेक्टर में काम कर रही अन्य संस्थाओं के काम आएं। वे कहानियां जो फ़ील्ड पर काम करने वालों के तरीक़ों को अधिक प्रभावी बना सकती है, जो उन्हें यह बता सकें कि उन्हें कौन से उपाय अपनाने चाहिए या वे कौन सी ग़लतियां हैं जिनसे बचना चाहिए, जो उन्हें कुछ नए प्रयोगों के बारे में बता सकें।
  3. एक्सप्लेनर –  कहानियां जिनमें यह बताया गया हो कि कोई मुद्दा क्या है, किसी एक काम को करने की प्रक्रिया क्या है, किसी समस्या का इतिहास क्या रहा है। इस तरह की तमाम बातें जिनमें किसी एक विषय, घटना, समस्या पर चर्चा की गई हो।
  4. महत्वपूर्ण लोग और उनके अनुभअगर आप जमीन पर काम करने वाले समाजसेवी कार्यकर्ता हैं, आपका ज़मीनी अनुभव किसी सेक्टर या कार्य में गहरा है और आपने सेक्टर में काम करते हुए कई सफलता-असफलताएं देखी हैं तो आपका अनुभव और ज्ञान हमारे लिए क़ीमती है। आप अपनी, अपने किसी साथी या वॉलंटीयर की कहानी भी हमारे साथ साझा कर सकते हैं।
  5. हल्का-फुल्का – आईडीआर हिंदी पर हमने एक कोना ऐसा भी रखा है जहां पर कुछ दिलचस्प बातों या आपके मज़ेदार अनुभवों को जगह दी जाती है। इसमें चुटकुले, कविताएं, डेवलपमेंट सेक्टर से जुड़े मनोरंजक क़िस्से या अनुभव, सेक्टर की मज़ेदार परंपराएं, मनोरंजक गीत-संगीत के वीडियो, परंपरागत ज्ञान से भरी क्षेत्रीय कहावतें, लोककथाएं या गीत, कार्टून, तस्वीरों वगैरह को जगह दी जाती है।

फ़ॉर्मेट से जुड़ी सीमाएं –

  1. किसी भी आलेख के लिए अधिकतम शब्दसीमा 1500 शब्द है। अगर आप ज़मीनी कहानियां या हल्का-फुल्का सेग्मेंट के लिए कोई प्रविष्टि भेज रहे हैं तो वह 500 शब्दों से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  2. आप अपनी कहानी ऑडियो-वीडियो फॉर्मेट या तस्वीरों में भी बता सकते हैं। इसके लिए समय-सीमा दो मिनट या न्यूनतम तीन और अधिकतम 10 तस्वीरें हैं। वीडियो रिकॉर्ड करते हुए वीडियो क्लाविटी का ध्यान रखें। यह वीडियो 1080 पिक्सल रिजॉल्यूशन और 16:9 एस्पेक्ट रेशियो (कैमरे को क्षैतिज यानी आड़ा करके लिया गया) वाला होना चाहिए। मल्टीमीडिया कॉन्टेंट पर काम करने से पहले टीम से चर्चा कर सकते हैं।

अपनी कहानी कैसे भेजें –

  1. अपनी कहानी का मूल विचार (आइडिया) संक्षेप में हमें लिखकर भेजें।
  2. हमारी संपादकीय टीम इस आइडिया पर चर्चा करने के लिए आपसे संपर्क करेगी।
  3. उपयुक्त लगने पर संपादकीय टीम इस कहानी को तैयार करने में आपका सहयोग करेगी। और, उसका संपादन और प्रकाशन करेगी। 
  4. हमारी संपादकीय टीम से जुड़ने या अपनी कहानी साझा करने के लिए हमें [email protected] पर मेल करें।

ध्यान रखी जाने वाली कुछ और बातें –

  1. ध्यान रखें कि आईडीआर को भेजे जा रहे लेख अप्रकाशित और अप्रसारित होने चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो संपादकीय टीम को इसकी जानकारी दें। आईडीआर अन्य प्रकाशनों की सहमति के साथ कुछ आलेखों का पुनर्प्रकाशन भी करता है लेकिन ऐसे आलेख व्यक्तिगत रूप से नहीं भेजे जा सकते हैं।
  2. ध्यान रखें कि आईडीआर प्रचार कॉन्टेंट या किसी भी तरह के (संस्थागत या व्यक्तिगत) एजेंडा को आगे बढ़ाने वाली कॉन्टेंट प्रकाशित नहीं करता है, इसलिए ऐस कॉन्टेंट न भेजें।
  3. आईडीआर वर्ग, जाति, लिंग, सेक्शुएलिटी, विकलांगता, भौगोलिक स्थितियों और धर्म की बाधाओं के कारण हाशिए पर रहने वाले समुदायों से आने वाले सहयोगी लेखकों (कंट्रीब्यूटर्स) को भुगतान करता है।