देबोजीत दत्ता

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देबोजीत दत्ता आईडीआर में संपादकीय सहायक हैं और लेखों के लिखने, संपादन, सोर्सिंग और प्रकाशन के जिम्मेदार हैं। इसके पहले उन्होने सहपीडिया, द क्विंट और द संडे गार्जियन के साथ संपादकीय भूमिकाओं में काम किया है, और एक साहित्यिक वेबज़ीन, एंटीसेरियस, के संस्थापक संपादक हैं। देबोजीत के लेख हिमल साउथेशियन, स्क्रॉल और वायर जैसे प्रकाशनों से प्रकाशित हैं।




देबोजीत दत्ता के लेख


कोयला खदान में काम करते हुए कुछ लोग_कोयला

March 20, 2024
कोयला-निर्भर समुदायों को नौकरी से ज़्यादा ज़मीन की चिंता क्यों है?
छत्तीसगढ़ और झारखंड के कोयला-निर्भर क्षेत्रों में जस्ट ट्रांज़िशन की प्रक्रिया के मुख्य केंद्र में स्थानीय लोगों को जमीन वापस देने का विचार क्यों होना चाहिए।
पानी मे तैरते शाहरुख खान_सोशल सेक्टर में शाहरुख खान

December 1, 2023
दर्द-ए-डेडलाइन
शाहरुख़ खान के दिलचस्प जिफ्स, उन तमाम डेडलाइन्स के लिए जिन्हें आप चूक चुके हैं।
एक समूह में खड़ी महिलाएं_एसिड अटैक रोज़गार

June 29, 2023
आत्मदाह और एसिड हमले के पीड़ितों को मुख्यधारा में कैसे लाया जाए?
एसिड हमले और आत्मदाह के पीड़ितों को ऐसे पुनर्वास कार्यक्रमों की जरूरत है जिनमें समाज और वे खुद भी उन्हें उनके बदले स्वरूप में स्वीकार कर सकें।
रेशम के धागे से काम करती एक महिला_मुस्लिम महिला श्रमिक

June 14, 2023
आंकड़े मुस्लिम महिला श्रमिकों के बारे में क्या नहीं बताते हैं?
महामारी ने जहां एक तरफ़ मध्य और उच्च वर्ग की मुस्लिम महिलाओं के लिए नौकरी पाना आसान बना दिया है, वहीं दूसरी ओर निम्न-आय वाले परिवारों और प्रवासियों को इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।
पांच बच्चे कैमरे के सामने पोज करते हुए-कश्मीर शिक्षा

April 19, 2023
कश्मीरी जनजातियों के सामने रोज़गार या शिक्षा में से एक को चुनने की दुविधा क्यों है?
मौसमी प्रवासन, कम आय और जाति-आधारित भेदभावों के चलते गुज्जर बकरवाल और चोपन जैसी कश्मीरी जनजातियों तक शिक्षा नहीं पहुंच पा रही है।
सामुदायिक किचन में खाना बनाती महिला_आदिवासी खाना

March 27, 2023
चार जनजातियां, चार व्यंजन और परंपरागत खानपान पर ज्ञान की चार बातें
चार जनजातियों के रसोइये अपने व्यंजनों के साथ अपनी खाद्य संस्कृति पर आए खतरों पर चर्चा कर रहे हैं क्योंकि जंगलों के खत्म होने के साथ उनके समुदाय आजीविका के लिए संघर्ष करते हुए शहरों का रुख करने लगे हैं।
खेत की कटाई करती महिलाएं_फ़्लिकर-महिला किसान

June 30, 2022
महिलाओं के नेतृत्व को पहचानने के अवसर में तब्दील एक संकट
स्वयं शिक्षण प्रयोग की संस्थापक प्रेमा गोपालन से हुई बातचीत जिसमें वे महिलाओं के लिए आजीविका के स्थायी साधन के रूप में खेती की भूमिका पर बात कर रही हैं।
एक काउंटर के दूसरी तरफ़ मज़दूर खड़े हैं_ई-श्रम

June 14, 2022
ई-श्रम रजिस्ट्रेशन की प्रक्रियाओं से जुड़ी अव्यवस्था
अपने ई-श्रम कार्ड रजिस्ट्रेशन के लिए देश भर के अनौपचारिक मज़दूरों को आर्थिक लाभ से जुड़ी अफ़वाहों, धोखाधड़ी और मुश्किल प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है।