साइकिल पर रखे अखबार-गैर-लाभकारी मीडिया
फंडर्स और समाजसेवियों का गैर-लाभकारी मीडिया संस्थाओं में निवेश करना जरूरी है क्योंकि वे लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध हो सकने वाले ज्ञान भंडार के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
फंडिंग के तरीके_फंडरेजिंग

फंडिंग हासिल करने का आखिरी विकल्प (जो हमारे पास नहीं है!)
'फंडिंग हासिल करने के 1000 तरीके' किताब का एक पन्ना।
गोल घेरे में बैठे युवा_मॉल

वंचित समुदायों के युवाओं को डर से उबरने में क्या मदद करता है?
सचिन नचनेकर | 3 मिनट लंबा लेख
विकलांग-जनों के लिए कार्यक्रम_विकलांग

विकलांग जन के लिए प्रोग्राम बनाते समय क्या ध्यान में रखना चाहिए?
विकलांग-जनों के लिए कार्यक्रम डिजाइन करते हुए समुदाय की जरूरतों को पहचानना और उनके अनुसार काम करना, प्रभावी नतीजे देने वाला हो सकता है।
सिलाई मशीन पर काम करते हुए तस्वीर_कौशल विकास

शिक्षा और कौशल को साथ लाना भविष्य में देश को मजबूत श्रमबल दे सकता है
भारत में, कौशल विकास कार्यक्रमों की विफलता का कारण कमजोर शैक्षणिक नींव है, यह लोगों को श्रमबल के रूप में तैयार करने में असफल हो रही है।
डॉ गायत्री वासुदेवन | 8 मिनट लंबा लेख

ज़मीनी कहानियां

शिक्षा

एमएसडब्ल्यू जैसे कोर्स आपको सामाजिक सेक्टर के लिए कितना तैयार करते हैं?
Location Icon भोपाल जिला, मध्य प्रदेश
युवा

वंचित समुदायों के युवाओं को डर से उबरने में क्या मदद करता है?
Location Icon मुंबई उपनगरीय जिला, महाराष्ट्र

मेरा एक दिन


आशा सहयोगिनी संतोष चारण_आशा कार्यकर्ता
“मेरी एक गलती या देरी लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित कर सकती है”
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की एक आशा सहयोगिनी के दिन का हाल जो स्वास्थ्य के साथ-साथ शराबबंदी, घरेलू हिंसा, भ्रष्टाचार जैसे तमाम मामलों पर अपनी आवाज बुलंद करने लगी है।
खेत में बातें कर रही महिलाओं का एक झुंड_ग्रामीण कामकाजी महिला

एक युवा महिला के समाजसेवी संस्था से कॉर्पोरेट तक पहुंचने का सफ़र
समाजसेवी संस्था के साथ काम करने का अनुभव रखने वाली प्रतिभा सिंह अब उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण इलाक़े में बतौर सेल्स एग्जीक्यूटिव काम करती हैं, उनके एक दिन का हाल।
जिस दिन मैं चारकोल बनाने वाली यूनिट में काम पर नहीं जाता हूं, उस दिन मैं अपने समुदाय के लिए काम करता हूं और उनकी समस्याओं को सुलझाता हूं। | चित्र साभार:मुनियप्पन
मेरे पिछले जीवन में याद करने जैसा कुछ नहीं है
तमिलनाडु के एक पूर्व बंधुआ श्रमिक जो अब एक सामुदायिक नेता हैं, अपने एक दिन का हाल बताते हुए समुदाय की स्थिति बेहतर बनाने के प्रयासों का ज़िक्र कर रहे हैं।