दो मुस्लिम महिलायें_रोहिंग्या समुदाय
भारत में रोहिंग्या समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है, वे विस्थापित हैं और अदृश्य कर दिए गए हैं। नागरिक समाज उन्हें एक गरिमामय जीवन तक पहुंचने में कैसे मदद कर सकता है?
दीपावली की मिठाई_दिवाली

इस दीवाली जानिए आप विकास सेक्टर की कौन सी मिठाई हैं?
दीपावली की मिठाइयों और विकास सेक्टर के तमाम तबकों के बीच की इस तुलना में तुक-तान खोजना आपका काम है।
फैक्ट्री में काम करते श्रमिक_विदेश में नौकरी

क्या युवाओं को दूसरे देशों में श्रम कार्य करने भेजना एक सही फैसला है?
अपनी विशाल आबादी की बदौलत भारत, कई दशकों से अपनी युवा श्रम शक्ति के लिए योग्य रोजगार ढूंढ पाने में असफल एवं संघर्षरत रहा है।

ज़मीनी कहानियां

लिंग
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ट्रांसजेंडर पहचान पत्र को बनवाने में महीनों का समय क्यों लगता है?
Location Icon जम्मू जिला, जम्मू एवं कश्मीर,राजौरी जिला, जम्मू एवं कश्मीर

मेरा एक दिन


आशा सहयोगिनी संतोष चारण_आशा कार्यकर्ता
“मेरी एक गलती या देरी लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित कर सकती है”
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की एक आशा सहयोगिनी के दिन का हाल जो स्वास्थ्य के साथ-साथ शराबबंदी, घरेलू हिंसा, भ्रष्टाचार जैसे तमाम मामलों पर अपनी आवाज बुलंद करने लगी है।
खेत में बातें कर रही महिलाओं का एक झुंड_ग्रामीण कामकाजी महिला

एक युवा महिला के समाजसेवी संस्था से कॉर्पोरेट तक पहुंचने का सफ़र
समाजसेवी संस्था के साथ काम करने का अनुभव रखने वाली प्रतिभा सिंह अब उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण इलाक़े में बतौर सेल्स एग्जीक्यूटिव काम करती हैं, उनके एक दिन का हाल।
जिस दिन मैं चारकोल बनाने वाली यूनिट में काम पर नहीं जाता हूं, उस दिन मैं अपने समुदाय के लिए काम करता हूं और उनकी समस्याओं को सुलझाता हूं। | चित्र साभार:मुनियप्पन
मेरे पिछले जीवन में याद करने जैसा कुछ नहीं है
तमिलनाडु के एक पूर्व बंधुआ श्रमिक जो अब एक सामुदायिक नेता हैं, अपने एक दिन का हाल बताते हुए समुदाय की स्थिति बेहतर बनाने के प्रयासों का ज़िक्र कर रहे हैं।