महाराष्ट्र

डिंभे बांध की तस्वीर_आदिवासी अधिकार
April 23, 2025
आदिवासी समूहों की एकजुट पहल: जल और जमीन पर अधिकार की मांग
आदिवासी जनजातियां भू-अधिकारों और मत्स्य पालन को लेकर संगठित हो रही हैं, ताकि अपनी पारंपरिक आजीविका को सुरक्षित रख सकें।

अमूमन देखा जाता है कि मूलनिवासी और आदिवासी समुदायों को राज्य की विकास परियोजनाओं का दुष्प्रभाव झेलना पड़ता है। कई परियोजनाओं के तहत बांध निर्माण, खनन के लिए जमीन और जंगलों के अधिग्रहण जैसे फैसलों ने इन समुदायों की पारंपरिक आजीविका और जीवनशैली को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से में […]

बुधाजी दमसे | 9 मिनट लंबा लेख
नदी किनारे निर्माण कार्य_रिवर फ्रंट
April 17, 2025
रिवर फ्रंट: नदी, नियोजन और पर्यावरणीय सरोकार
किसी भी राज्य में रिवर फ्रंट से जुड़ी गतिविधियों की शुरुआत से पहले वहां की भौगोलिक परिस्थितियों और स्थानीय लोगों को भरोसे में लेना भी जरूरी है।

बीते कुछ समय से नदियों पर रिवर फ्रंट बनाने का चलन बढ़ा है। मसलन पिछले कुछ वर्षों में अहमदाबाद, लखनऊ, पटना और कोटा जैसे शहरों में इनका निर्माण किया गया है। वर्तमान में पुणे, महाराष्ट्र में भी रिवर फ्रंट निर्माण किया जा रहा है। इन दिनों पुणे नगर निगम नदी के लगभग 44 किलोमीटर बहाव के दोनों किनारों पर रिवर फ्रंट विकसित […]

राहुल सिंह | 10 मिनट लंबा लेख
ऑफिस में काम करती महिलाएं_महिला उद्यमी
March 24, 2025
साझेदारी से सफलता बुनती महिला उद्यमियों की कहानी
आशा और सना का उमंग से जुड़ने का सफर अलग-अलग था, लेकिन दोनों में एक बात समान थी - काम के प्रति उनका जुनून और मेहनत का जज्बा।

इस वीडियो में मिलिए आशा शिंदे और सना शेख से, जो महाराष्ट्र के पुणे जिले में उमंग महिला उद्योग नामक एक लघु महिला व्यवसाय का नेतृत्व करती हैं। यहां महिलाएं सिलाई और बुनाई से अलग-अलग तरह के उत्पाद तैयार करती हैं। इसमें कई तरह के बैग, स्टेशनरी का सामान, गिफ्ट आइटम और सजावटी चीजें शामिल […]

सना शेख, आशा शिंदे | 2 मिनट लंबा लेख
हाथगाड़ी धकेलता श्रमिक_श्रमिक
January 15, 2025
फोटो निबंध: अपने श्रम अधिकारों के लिए साकी नाका के श्रमिकों का संघर्ष
मुंबई के कुर्ला में हमाल श्रमिक उचित वेतन और सामाजिक सुरक्षा के अभाव में संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि, अब वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

भारत के विभिन्न शहरों में अधिकांश अनौपचारिक श्रमिक, बिचौलियों और मजदूर नाकों (वे स्थान जहां श्रमिक रोजगार की तलाश में इकट्ठा होते हैं) से काम हासिल करते हैं। मुंबई के कुर्ला में साकी नाका क्षेत्र के पास ऐसा ही एक नाका स्थित है, जो शहर के सबसे बड़े उत्पादन और रीसाइक्लिंग केंद्रों में से एक […]

हाथ पकड़े हुए दो लोग_महिला संगठन
December 10, 2024
मराठवाड़ा का अपनी तरह का एक अनोखा एकल महिला संगठन
द थर्ड आई के इस पॉडकास्ट में सुनें मराठवाड़ा, महाराष्ट्र में बने एकल महिलाओं के अनोखे संगठन के बारे में। और, जानें यह कैसे बना और कैसे लोगों की जिंदगी बदल रहा है।

जब शब्द नहीं होते हैं तो बनाने पड़ते हैं! निरंतर पॉडकास्ट के सीरीज ‘एकल इन द सिटी’ में हम शहरों और गांवों की कई एकल आवाज़ों से आपकी मुलाकात करवाते रहे हैं। इस बार एपिसोड 4 में एक आवाज नहीं बल्कि मिलिए मराठवाड़ा, महाराष्ट्र के एकल महिला संगठन से। मतलब, एकल महिलाओं का समूह!इसका क्या […]

माधुरी अडवाणी | 2 मिनट लंबा लेख
गांव में बैठक करते कुछ लोग_जन-संगठन
November 20, 2024
जन-संगठन आर्थिक आत्मनिर्भरता कैसे हासिल कर सकते हैं?
जमीनी संगठनों के लिए समुदाय से रिश्ता बनाए रखना सबसे अधिक जरूरी है क्योंकि समुदाय, यदि संगठन की अहमियत समझेगा तो वह उसकी आर्थिक जरूरतों का भी खयाल रखेगा।

हमारे देश में हजारों छोटे-बड़े जन संगठन मौजूद हैं जो जनता के मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। यहां जन-संगठन से अर्थ उन संस्थानों से है जो समुदायों के साथ सीधे जमीन पर काम कर रहे हैं। इन्हें समाजसेवी संस्थाओं या एनजीओ से अलग देखे जाने की जरूरत है।पारंपरिक संस्थाओं से अलग जन संगठनों […]

ऊन के धागों से बनाया गया एक पारंपरिक पैटर्न_जलवायु परिवर्तन
September 16, 2024
पानी से जुड़े साझा प्रयासों की दिशा कैसे तय की जा सकती है?
अलग-अलग योग्यता वाले कई हितधारकों का सहयोग कार्यक्रमों को लंबे समय तक प्रभावी बनाएं रखने के लिए जरूरी है। जैसे एचयूएफ ने एक तरह का सहयोगात्मक संघ बनाया है। इसमें भागीदार के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय परियोजना ट्रस्ट केंद्र (सीआईपीटी) पंजाब, किसान सहकारी समितियां, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के अकादमिक विशेषज्ञ और सरकार सभी शामिल हैं।

वैश्विक क्रेडिट रेटिंग और शोध फर्म, मूडीज ने जून 2024 में, चेतावनी दी थी कि भारत में पानी की बढ़ती कमी उसके आर्थिक विकास के लिए खतरा बन सकती है। हमारे यहां जल संकट से जुड़े कई जोखिम हैं, जो खेती और उद्योग को प्रभावित कर सकते हैं, और इसके सामाजिक परिणाम भी गंभीर हो […]

अनंतिका सिंह, ऋषु गर्ग | 8 मिनट लंबा लेख
फूलों के खेत में काम करती एक महिला_फूलों का गांव
August 26, 2024
फूलों का गांव: महाराष्ट्र का एक गांव जो गन्ना छोड़कर गेंदा उगाता है
सतारा, महाराष्ट्र के निकमवाड़ी गांव में जहां तक नजर जाए, वहां तक फूलों के रंगबिरंगे खेत फैले दिखते हैं।

माली बनते हैं या पैदा होते हैं? इस प्रसिद्ध सवाल का जवाब जानने के लिए महाराष्ट्र के सतारा में जाएं और निकमवाड़ी गांव के गुलदाउदी और गेंदे के फूलों के खेतों पर नज़र डालें। जहां तक नजर डालो, वहां तक फूलों के रंग-बिरंगे खेत फैले हुए हैं, जिन पर पीले और नारंगी रंग के कालीन […]

हिरेन कुमार बोस | 5 मिनट लंबा लेख
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