विकास सेक्टर में समस्याओं की जटिलता और पैमाना इतना बड़ा है कि कोई एक अकेला व्यक्ति या संगठन सब कुछ हल नहीं कर सकता है, जो सहयोग की उपयोगिता और महत्व को बताता है।
झारखंड की आदिवासी कार्यकर्ता एवं पत्रकार दयामनी बरला बताती हैं कि कैसे वे जल, जंगल और जमीन से जुड़े आंदोलनों के जरिए लोगों को उनका हक दिलाने के लिए निरंतर संघर्ष करती रही हैं।
बिहार में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में उच्च पूंजी लागत, सीमित चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और बैटरी की उपलब्धता जैसी बाधाएं हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन नीति के ज़रिये राज्य सरकार इससे निबटने के लिए प्रयास कर रही है।
कर्नाटक की 'मक्कला ग्राम सभाएं' बच्चों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यहां चर्चा की गई है कि इसे और प्रभावी तरीक़े से कैसे कर सकते हैं।