यह मैनेजर की डायरी पूरी तरह से काल्पनिक है और विकास सेक्टर में काम करने वाले उन तमाम मैनेजर्स को समर्पित है जो चाहे-अनचाहे अपनी टीम के सदस्यों की छुट्टियां मंज़ूर कर ही देते हैं।
समाजसेवी संगठन में विविधता, समानता और समावेशन (डीईआई) जैसे प्रमुख तत्वों को लेकर प्रतिबद्धता भर काफ़ी नहीं है बल्कि उन्हें संगठन के मूल तत्वों में बदले जाने की ज़रूरत है।
शोध केंद्रित समाजसेवी संस्थाएं प्रभावी संचार रणनीति कैसे बना सकती है और कैसे इसे एक स्थाई प्रणाली के तौर पर विकसित कर सकती हैं, इस पर बात करती एक केस स्टडी।
एफएफई का एल्मनाई एंगेजमेंट मॉडल बताता है कि समाजसेवी संस्थाओं से सहयोग और समर्थन पाने वाले, उनके कार्यक्रमों को लंबे समय तक चलाए रखने वाले फ़ंडिंग मॉडल का हिस्सा कैसे बन सकते हैं।
क्या एक समाजसेवी संस्था सीमित संसाधनों में एक बेहतरीन और मज़बूत टीम संस्कृति विकसित कर सकती है, इस सवाल का जवाब अर्पण की प्रतिभा प्रबंधन की रणनीतियां देती हैं।