जमीनी कार्यकर्ता

November 1, 2024
इस दीवाली जानिए आप विकास सेक्टर की कौन सी मिठाई हैं?
दीपावली की मिठाइयों और विकास सेक्टर के तमाम तबकों के बीच की इस तुलना में तुक-तान खोजना आपका काम है।
October 24, 2024
फॉस्टर केयर प्रणाली को मजबूत करने के देश में क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है
फॉस्टर केयर एक ऐसा सिस्टम है जो उन बच्चों को देखभाल और सुरक्षा प्रदान करता है जिन्हें अपने जैविक माता-पिता के साथ रहने का मौका नहीं मिल रहा हैं।
सत्यजीत मजूमदार | 12 मिनट लंबा लेख
October 14, 2024
गैर-लाभकारी मीडिया प्लेटफार्मों की सहायता में समाजसेवियों की भूमिका
फंडर्स और समाजसेवियों का गैर-लाभकारी मीडिया संस्थाओं में निवेश करना जरूरी है क्योंकि वे लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध हो सकने वाले ज्ञान भंडार के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
October 8, 2024
विकलांग जन के लिए प्रोग्राम बनाते समय क्या ध्यान में रखना चाहिए?
विकलांग-जनों के लिए कार्यक्रम डिजाइन करते हुए समुदाय की जरूरतों को पहचानना और उनके अनुसार काम करना, प्रभावी नतीजे देने वाला हो सकता है।
September 27, 2024
पोषण माह में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के अनुभव
पोषण माह के दौरान गुल्लक सीरीज़ के बहाने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की काल्पनिक प्रतिक्रियाएं।
September 13, 2024
एक बार फील्ड में: जब शुद्ध हिंदी बोलने के चक्कर में गड़बड़ हो गई
जमीनी कार्यकर्ताओं को समुदाय के साथ हिंदी में ही बात करने की समझाइश दी जाती है, इसी कोशिश के चलते हुई गड़बड़ी का एक दिलचस्प किस्सा।
September 6, 2024
जब एक इंजीनियर विकास सेक्टर में काम करने आता है!
इंजीनियरिंग की पढ़ाई किए हुए लोग और उनके किस्से हर जगह मिल जाएंगे। विकास सेक्टर भी उनसे अछूता नहीं है। आइए, एक नज़र डालते हैं।
September 3, 2024
आईडीआर इंटरव्यूज | मधु मंसूरी हंसमुख
पद्मश्री सम्मान से नवाजे जा चुके लोकगीत कलाकार मधु मंसूरी हंसमुख ने आईडीआर के साथ अपनी बातचीत में बताया कि कैसे छोटी सी उम्र से ही इन्होंने लोकगीत को अपना हथियार बनाकर झारखंड आंदोलन को एक नई दिशा और चेतना प्रदान की।
August 30, 2024
सपने ढोते हट्टे-कट्टे…पर नेतृत्व का कंधा न छूटे!
सामाजिक सेक्टर में काम करते हुए अक्सर जमीनी नेतृत्व को अहमियत दी जाती है, लेकिन हम इसे कितनी गंभीरता लेते हैं, यहां देखिए।
August 22, 2024
आखिर जमीनी संस्थाएं अपने काम को विस्तार क्यों नहीं दे पा रही हैं?
जमीनी संस्थाओं की सफलता में वित्तीय प्रबंधन, नेतृत्व विकास, तकनीक और सरकारी नीतियों की समझ की कमी जैसी अनगिनत बाधाएं हैं।
राकेश स्वामी, रजिका सेठ | 7 मिनट लंबा लेख
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