सबा कोहली दवे

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सबा कोहली दवे आईडीआर में सह-संपादकीय भूमिका में हैं, यहाँ उन्हें लेखन, संपादन, स्रोत तैयार करने, और प्रकाशन की जिम्मेदारी है। उनके पास मानव विज्ञान की डिग्री है और वे विकास और शिक्षा के प्रति एक जमीनी दृष्टिकोण में रुचि रखते है। उन्होंने सोशल वर्क एंड रिसर्च सेंटर, बेयरफुट कॉलेज और स्कूल फॉर डेमोक्रेसी के साथ काम किया है। सबा का अनुभव ग्रामीण समुदाय पुस्तकालय के मॉडल बनाने और लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों पर पाठ्यक्रम बनाने में शामिल रहा है।




सबा कोहली दवे के लेख


एक मछुआरा तालाब के किनारे जाल फेंकते हुए_साझा संसाधन

November 6, 2025
जलवायु संकट से सुरक्षित भविष्य बनाने में समुदाय क्या भूमिका निभा सकते हैं?
जलवायु प्रयासों में अक्सर स्थानीय समुदायों और साझा संसाधनों की भूमिका अनदेखी रह जाती है जबकि इन्हें शामिल करना सामाजिक और न्यायिक नजरिए से जरूरी लगने लगा है।
देविका सिंह_मोबाइल क्रेच

August 4, 2025
आईडीआर इंटरव्यूज | देविका सिंह
मोबाइल क्रेचेज की सह-संस्थापक देविका सिंह, प्रवासी मजदूरों के बच्चों के साथ अपने लंबे काम के अनुभव, एक चलती-फिरती देखभाल प्रणाली (मोबाइल केयर सिस्टम) बनाने और बच्चों की देखभाल से जुड़ी नीतियों में बदलाव लाने की कहानी साझा कर रही हैं।
मैकेनिकों की आजीविका_ऑटोमोबाइल मैकेनिक

December 17, 2024
भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों से भरे कल में मैकेनिक कहां दिखते हैं?
भारत की पर्यावरण प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन जैसी समस्याओं का हल ई-वाहनों में खोजा जा रहा है लेकिन क्या परंपरागत वाहनों को सुधारने वाले अनगिनत मैकेनिक भी इसमें शामिल हैं?
दो मुस्लिम महिलायें_रोहिंग्या समुदाय

November 4, 2024
रोहिंग्या संकट में नागरिक समाज संगठन कैसे मदद कर सकते हैं?
भारत में रोहिंग्या समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है, वे विस्थापित हैं और अदृश्य कर दिए गए हैं। नागरिक समाज उन्हें एक गरिमामय जीवन तक पहुंचने में कैसे मदद कर सकता है?
खेत पर काम करती महिलाएं-मनरेगा

June 27, 2024
ग्रामीण राजस्थान को मनरेगा की ज़रूरत क्यों है?
श्रमिक, यूनियन और नागरिक संगठन बता रहे हैं कि सीमित बजट, कम मज़दूरी और भ्रष्टाचार के बाद भी मनरेगा स्थानीय विकास और महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका कैसे निभाता है। 
स्कूल भवन के बाहर शिक्षक और बच्चे_संवैधानिक मूल्य

January 30, 2024
युवाओं को संवैधानिक मूल्यों से जोड़ना हमेशा चलने वाली एक यात्रा है
भले ही भारत का संविधान विश्व स्तर पर सबसे उदार और प्रगतिशील संविधानों में से एक माना जाता है, लेकिन देश का युवा इसके बारे में कम ही जानता है।
मेनेजर से रीसर्च के पेपर दिखाने के बाद असमंजस मे महिला_जमीनी हकीकत

December 8, 2023
क्या है एक रिर्सचर का काम
सीमित फंडिग का क्या हैं परिणाम, समस्याओं की पहचान या समस्याओं का आविष्कार?