श्रेया अधिकारी

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श्रेया अधिकारी आईडीआर में एक संपादकीय सहयोगी हैं। वे लेखन, संपादन, सोर्सिंग और प्रकाशन सामग्री के अलावा पॉडकास्ट के प्रबंधन से जुड़े काम करती हैं। श्रेया के पास मीडिया और संचार पेशेवर के रूप में सात साल से अधिक का अनुभव है। उन्होंने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल सहित भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न कला और संस्कृति उत्सवों के क्यूरेशन और प्रोडक्शन का काम भी किया है।




श्रेया अधिकारी के लेख


पर्यावरण संरक्षण पर व्यंग-पर्यावरण संरक्षण

February 9, 2024
पर्यावरण संरक्षण के ईमानदार प्रयास?
कॉर्पोरेट कंपनियों की सी एस आर नीतियों में पर्यावरण की चिंता।
जंगल की एक सड़क पार करता हुआ एक हाथी-मानव वन्यजीव संघर्ष

June 8, 2023
इंसान और वन्यजीवों के बीच जंगल का बंटवारा कैसे हो?
जलवायु परिवर्तन जंगली जानवरों और उनके आवास के लिए एक बड़ा ख़तरा है और यह इंसानों से उनके संघर्ष की संभावना भी बढ़ाता है।
बागान में काम कर रही महिलाएं-आदिवासी महिला नेता

March 8, 2023
फ़ोटो निबंध: भारत की आदिवासी महिला नेता क्या अलग कर रही हैं?
महिलाओं को सशक्त बनाने और युवा लड़कियों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने से लेकर अपने लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने तक का काम कर रही आदिवासी नेताओं के जीवन की झलक।
नारेबाज़ी करती महिलाएं -महिला सशक्तिकरण

September 14, 2022
सामाजिक बदलाव के लिए ज़मीनी अनुभवों से सीखना
सुजाता खांडेकर कोरो की संस्थापक निदेशक हैं। आईडीआर से उनकी इस बातचीत में जानिए कि सामाजिक परिवर्तन की कोशिशों में जमीनी स्तर के ज्ञान और अनुभव को कैसे शामिल किया जा सकता है।
सामाजिक कार्यकर्ता और कच्छ महिला विकास संगठन की संस्थापक सुषमा अयंगर का चित्रण-महिला सशक्तिकरण

July 27, 2022
आईडीआर इंटरव्यूज । सुषमा अयंगर
कच्छ में अपने अभूतपूर्व काम के लिए जानी जाने वाली सुषमा अयंगर आईडीआर से बातचीत में बता रही हैं कि उनका सारा ध्यान महिला अधिकार और ग्रामीण विकास पर क्यों हैं। साथ ही उन्हें क्यों लगता है कि आज महिला सशक्तिकरण का दायरा आर्थिक परिवर्तन तक सीमित है।
एक काउंटर के दूसरी तरफ़ मज़दूर खड़े हैं_ई-श्रम

June 14, 2022
ई-श्रम रजिस्ट्रेशन की प्रक्रियाओं से जुड़ी अव्यवस्था
अपने ई-श्रम कार्ड रजिस्ट्रेशन के लिए देश भर के अनौपचारिक मज़दूरों को आर्थिक लाभ से जुड़ी अफ़वाहों, धोखाधड़ी और मुश्किल प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है।