July 11, 2025

स्कॉलरशिप पोर्टलः एरर 404 – सोशल जस्टिस नॉट फाउंड!

स्कॉलरशिप तक पहुंचने के लिए छात्रों को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ता है जो तमाम योग्यताओं के बावजूद उन्हें ‘वंचित’ बना देती हैं।
3 मिनट लंबा लेख

बच्चों पढ़ो, आगे बढ़ो…स्कॉलरशिप तुम्हारे साथ है – मगर पहले फार्म भरो, ओटीपी खोजो, एरर से लड़ो और फिर इंतजार करो कि फंड आ जाए!

1.

"स्कॉलरशिप रेस" शुरू हो रही है, लेकिन सभी बच्चे असमान स्थिति से दौड़ की शुरुआत कर रहे हैं_स्कॉलरशिप

2.

लड़की "जटिल आवेदन प्रक्रिया" को पार कर रही है, पीछे "जानकारी का अभाव" जैसी चुनौती रह गई है_स्कॉलरशिप

3.

लड़की कुछ बाधाएं पार कर चुकी है और "शैक्षणिक संस्थानों की निष्क्रियता" को पार कर रही है। पीछे "जाति और लैंगिक पहचान" और "आर्थिक बाधाएं" हैं_स्कॉलरशिप

4.

एक चित्रण जिसमें एक लड़की थकी हुई ट्रैक पर खड़ी है और उसके सामने "भाषा की बाधा", "डिजिटल साक्षरता की कमी" और "फंड की कमी" जैसी कई रुकावटें हैं_स्कॉलरशिप
चित्र साभार: सुगम ठाकुर

हल्का-फुल्का का यह अंक इस लेख से प्रेरित है।

इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ें।

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लेखक के बारे में
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रजिका सेठ

रजिका सेठ आईडीआर हिंदी की प्रमुख हैं, जहां वह रणनीति, संपादकीय निर्देशन और विकास का नेतृत्व सम्भालती हैं। राजिका के पास शासन, युवा विकास, शिक्षा, नागरिक-राज्य जुड़ाव और लिंग जैसे क्षेत्रों में काम करने का 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने रणनीति प्रशिक्षण और सुविधा, कार्यक्रम डिजाइन और अनुसंधान के क्षेत्रों में टीमों का प्रबंधन और नेतृत्व किया। इससे पहले, रजिका, अकाउंटेबिलिटी इनिशिएटिव, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में क्षमता निर्माण कार्य का निर्माण और नेतृत्व कर चुकी हैं। रजिका ने टीच फॉर इंडिया, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी और सीआरईए के साथ भी काम किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में बीए और आईडीएस, ससेक्स यूनिवर्सिटी से डेवलपमेंट स्टडीज़ में एमए किया है।

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पूजा राठी

पूजा राठी आईडीआर हिंदी में संपादकीय विश्लेषक (एडिटोरियल एनालिस्ट) हैं। इससे पहले, उन्होंने फेमिनिज़्म इन इंडिया में सह-संपादक के रूप में काम किया है, जहां उन्होंने जेंडर, पर्यावरण और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को कवर किया। पूजा को यूएन लाडली मीडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया है और वह 2024 की लाडली मीडिया फैलो भी रह चुकी हैं। इसके अलावा, वह खबर लहरिया की रूरल मीडिया फेलोशिप और एटलस फॉर बिहेवियर चेंज इन डेवलपमेंट की बिहेवियरल जर्नलिज़्म फेलोशिप की पूर्व फेलो रह चुकी हैं। पूजा ने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है।

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