October 17, 2025

दिवाली सेल में सामाजिक बदलाव पर स्पेशल डिस्काउंट!

अब सामाजिक बदलाव पर भी मिल रहा है स्पेशल डिस्काउंट! जल्दी करें, ऑफर सीमित समय के लिए लागू।
4 मिनट लंबा लेख

1. एक बदलाव के साथ एक बदलाव फ्री! 

कहते हैं ‘एक खरीदो, एक और पाओ’। तो इस दिवाली, हर सामाजिक प्रोजेक्ट के साथ मिलेगा एक सस्टेनिबिलिटी एंगल बिल्कुल फ्री!

फंडर और एनजीओ के बीच बातचीत को दिखाता हुआ एक मीम_दिवाली सेल

2. ठोस इम्पैक्ट पर पायें 50% तक की छूट!

क्या आपके पास हैं ठोस बदलाव? तो जल्दी से इम्पैक्ट दिखाइए और छूट पाइए!

फंडर और एनजीओ के बीच बातचीत को दिखाता हुआ एक मीम_दिवाली सेल

3. सीएसआर  मेगा ऑफर 

अंधेरे को दूर करें! लेकिन उस से पहले, रोशनी की तस्वीर खींचना न भूलें। #सीएसआर 

फेसबुक बैनर_आईडीआर हिन्दी
सीएसआर टीम के सदस्य और एक एनजीओ के बीच की बातचीत का मीम_दिवाली सेल

4. बर्नआउट क्लियरेंस सेल 

बर्नआउट से परेशान? सेल है न! #थकान ही थकान

एनजीओ स्टाफ और मैनेजर के बीच का मीम, जो बर्नआउट पर व्यंग्य करता है_दिवाली सेल

5. त्योहार में उम्मीद के लड्डू खाना न भूलें! 

फंड न आए, तो रोशनी कैसे आएगी? इस बार दिवाली आरती में फंड के लिए प्रार्थना करना न भूलें! 

एक टीम सदस्य और एक टीम के बीच की बातचीत को दिखाता हुआ मीम_दिवाली सेल
लेखक के बारे में
जूही मिश्रा-Image
जूही मिश्रा

जूही मिश्रा आईडीआर में एडिटोरिएल एसोसिएट हैं। उन्हें पत्रकारिता का 14 साल का अनुभव है और उन्होंने पत्रिका, टाइम्स ऑफ इंडिया, रोर मीडिया, दूता टेक्नोलॉजी और ग्राम वाणी के साथ काम किया है। जूही ने विकास संवाद संस्था से फेलोशिप पूरी की है, जहाँ उन्होंने बसोर समुदाय में खाद्य प्रणालियों और कुपोषण के कारणों पर शोध किया।

इंद्रेश शर्मा-Image
इंद्रेश शर्मा

इंद्रेश शर्मा आईडीआर हिंदी में पार्टनरशिप और आउटरीच हेड हैं। वे संगठन की पहुंच बढ़ाने और असरदार साझेदारी बनाने के लिए विकास सेक्टर से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हैं। इन्द्रेश संस्थागत सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ जमीनी संगठनों के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग से जुड़े लेखन में भी सक्रिय रूप से योगदान देते हैं। उनके पास विकास सेक्टर में 13 वर्षों से अधिक का पेशेवर अनुभव है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, ग्रामीण विकास और पंचायती राज जैसे क्षेत्रों में काम किया है। इससे पहले वे सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च संस्था से जुड़े थे, जहां वे रिसर्च, कार्यक्रम निर्माण और प्रशिक्षण के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।

टिप्पणी

गोपनीयता बनाए रखने के लिए आपके ईमेल का पता सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *