रीशू गर्ग

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रीशु गर्ग पिछले 20 सालों से विकास और पर्यावरण विशेषज्ञ के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड में समुदायों और स्थानीय सरकारों के साथ प्राकृतिक संसाधन और आजीविका प्रबंधन पर काम किया है।




रीशू गर्ग के लेख


ऊन के धागों से बनाया गया एक पारंपरिक पैटर्न_जलवायु परिवर्तन

September 16, 2024
पानी से जुड़े साझा प्रयासों की दिशा कैसे तय की जा सकती है?
अलग-अलग योग्यता वाले कई हितधारकों का सहयोग कार्यक्रमों को लंबे समय तक प्रभावी बनाएं रखने के लिए जरूरी है। जैसे एचयूएफ ने एक तरह का सहयोगात्मक संघ बनाया है। इसमें भागीदार के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय परियोजना ट्रस्ट केंद्र (सीआईपीटी) पंजाब, किसान सहकारी समितियां, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के अकादमिक विशेषज्ञ और सरकार सभी शामिल हैं।