
जिला री भोई में स्थित ख्वेंग ग्राम में हमेशा से पानी का संकट नहीं था। मेघालय के पहाड़ी क्षेत्र में बसे हमारे गांव की पानी की आपूर्ति जलांचलों (कैचमेंट एरिया) से हो जाती थी। लेकिन आबादी बढ़ने के साथ ही यहां पानी की मांग और आपूर्ति की समस्या बढ़ने लगी। फिर जलांचलों के क्षेत्र में जमीन के निजीकरण से हालात और भी बदतर होते चले गये। इससे न केवल हमारी पेयजल की मात्रा सीमित हो गयी, बल्कि हमें अपने खेतों और मछली-पालन के लिए भी पानी की कमी से जूझना पड़ा। नतीजतन, हमारे और हमारी भावी पीढ़ियों के सामने अस्तित्व का संकट गहराने लगा था। हमें एहसास हुआ कि हमें जल्द ही कोई ठोस कदम उठाना होगा।
इस स्थिति का हल ढूंढने के लिए वर्ष 2014 में हमने ग्राम निवासियों, मेघालय ग्रामीण विकास समिति और स्थानीय गैर-लाभकारी संस्थाओं के साथ बैठक आयोजित की। इस बैठक में स्थानीय निवासियों ने अपनी कई परेशानियां सामने रखी। आखिरकार यह निर्णय लिया गया कि हम अपनी जमीन को वापस खरीदेंगे। हर घर से 100 रुपए के योगदान के साथ पूरी धनराशि जुटाने की योजना बनायी गयी। जल्द ही हमने एक महीने के भीतर 50,000 रुपए का प्रबंध कर लिया। इस राशि के जरिये हम जमीन-मालिकों से 1,000 वर्ग फीट जमीन वापस खरीदने में सक्षम बन पाए।
चूंकि वे हमारी समस्या से अवगत थे, इसलिए हमें उन्हें मनाने में बहुत देर नहीं लगी। वैसे भी वे उस जमीन पर किसी भी तरह का आजीविका संबंधी काम नहीं कर रहे थे। हमने इस भू-भाग को आरक्षित वन के साथ मिलाने का फैसला किया और यह तय किया कि दो हेक्टेयर के इस क्षेत्र को अब ग्राम सभा के अधीन नियोजित सामुदायिक जमीन माना जाएगा। हमारी कोशिशें रंग लायी और यह जमीन फिर लहलहाने लगी। यहां उगने वाले पेड़ों ने पानी को प्रकृतिक रूप से साफ करने का काम किया। ग्राम सभा ने नियम पारित किए कि जलांचलों के आसपास पेड़ों की कटाई प्रतिबंधित है और पानी में किसी भी तरह के विषैले रसायनों का प्रयोग वर्जित है। इसके अलावा हमने घरों तक साफ पानी पहुंचाने के लिए पाइप जल प्रणाली का निर्माण भी किया। अपनी जमीन को पुनः प्राप्त करने की मुहिम की सफलता से हम इतने प्रेरित हुए कि वर्ष 2023 में हमने फिर से जन सहयोग से राशि जुटाकर एक अन्य जलांचल क्षेत्र के पास 1,000 वर्ग फीट जमीन खरीदी।
हर नए दिन के साथ हम अपने जल संकट को खुद ही दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान में हम सरकार को यह प्रस्ताव दे रहे हैं कि जलांचल क्षेत्रों के निकट वृक्षारोपण योजनाएं लागू की जानी चाहिए। हालांकि हमारे पास अभी भी वर्षा जल के संचयन के लिए उपयुक्त भंडारण सुविधा मौजूद नहीं है। हम आशा करते हैं कि सरकार हमें एक औपचारिक जल संचयन व्यवस्था का निर्माण करने में मदद करेगी।
ज्यूइंग नोंगपोह मेघालय के री भोई जिला में स्थित ख्वेंग ग्राम के प्रधान हैं।
जैसा कि साम्मे मस्सार, आईडीआर नॉर्थईस्ट फेलो 2025-26 को बताया गया।
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