March 28, 2024

आईडीआर इंटरव्यूज | शंकर सिंह (भाग-दो) 

देश में आरटीआई आंदोलन के लीडर और एमकेएसएस के स्थापकों में से एक, सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह आईडीआर से बातचीत में अपने कामकाजी और निजी जीवन के बारे में बात कर रहे हैं।
2 मिनट लंबा लेख

सामाजिक सेक्टर की जानकारी रखने, ख़ासकर ज़मीनी नब्ज की पकड़ रखने वाले लोगों के लिए शंकर सिंह कोई अनसुना नाम नहीं है।राजस्थान के राजसमंद ज़िले से आने शंकर सिंह जमीनी सामाजिक कार्यकर्ता, नाटककार, कहानीकार, मुखर वाचक की भूमिकाओं में दिखते हैं। सामाजिक सेक्टर में लगभग चार दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले शंकर जी ने देश के दिग्गज सामाजिक कार्यकर्ताओं अरुणा रॉय और निखिल डे के साथ मिलकर मजदूर किसान शक्ति संगठन की स्थापना की थी। यह संगठन देश में सूचना का अधिकार क़ानून लाने और लागू करवाने के अपने प्रयासों के लिए जाना जाता है।

हाशिये पर बैठे मजदूरों, किसानों की आय, रोजगार और उनके अधिकारों को लेकर लड़ने एवं उन्हें सशक्त करने का शंकर सिंह का अपना एक तरीका रहा है। उन्होंने कई सफल आंदोलनों, अभियानों की अगुआई की है। मनरेगा, सोशल ऑडिट जैसे संस्थागत माध्यमों को सशक्त करने में भी वे अहम भूमिकाओं में रहे हैं। कई बार उनके तरीक़े बहुत मनोरंजक, संगीतमय और कटाक्ष भरे भी होते हैं।

हाल ही में, आईडीआर ने शंकर सिंह से लंबी बातचीत की। इसमें उन्होंने अपने कामकाजी अनुभव, लोगों और समुदायों से जुड़ाव की बातें और अपने जीवन के अनगिनत किस्से-कहानियां साझा किए। इस बातचीत की दूसरी कड़ी में, वे बता रहे हैं कि कठपुतली और अभिनय की अपनी कुशलताओं से वे कैसे लोगों को मुद्दों से जोड़ने में कामयाब होते हैं। शंकर सिंह, जमीन की समझ रखने वाले ग्रामीण कार्यकर्ताओं और, तकनीकी की समझ और उस तक पहुंच रखने वाले शहरी कार्यकर्ताओं को तालमेल बनाने के सुझाव भी दे रहे हैं। इसके अलावा, वे इस बात का भी जिक्र करते हैं कि सामाजिक कार्यकर्ता जीवन में आगे बढ़ते रहने और नवाचार की प्रेरणा कैसे हासिल करते रह सकते हैं।

Hindi Facebook ad banner for Hindi website
लेखक के बारे में
रजिका सेठ-Image
रजिका सेठ

रजिका सेठ आईडीआर हिंदी की प्रमुख हैं, जहां वह रणनीति, संपादकीय निर्देशन और विकास का नेतृत्व सम्भालती हैं। राजिका के पास शासन, युवा विकास, शिक्षा, नागरिक-राज्य जुड़ाव और लिंग जैसे क्षेत्रों में काम करने का 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने रणनीति प्रशिक्षण और सुविधा, कार्यक्रम डिजाइन और अनुसंधान के क्षेत्रों में टीमों का प्रबंधन और नेतृत्व किया। इससे पहले, रजिका, अकाउंटेबिलिटी इनिशिएटिव, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में क्षमता निर्माण कार्य का निर्माण और नेतृत्व कर चुकी हैं। रजिका ने टीच फॉर इंडिया, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी और सीआरईए के साथ भी काम किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में बीए और आईडीएस, ससेक्स यूनिवर्सिटी से डेवलपमेंट स्टडीज़ में एमए किया है।

राकेश स्वामी-Image
राकेश स्वामी

राकेश स्वामी आईडीआर में सह-संपादकीय भूमिका मे हैं। वह राजस्थान से जुड़े लेखन सामग्री पर जोर देते है और हास्य से संबंधित ज़िम्मेदारी भी देखते हैं। राकेश के पास राजस्थान सरकार के नेतृत्व मे समुदाय के साथ कार्य करने का एवं अकाउंटेबलिटी इनिशिएटिव, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च मे लेखन एवं क्षमता निर्माण का भी अनुभव है। राकेश ने आरटीयू यूनिवर्सिटी, कोटा से सिविल अभियांत्रिकी में स्नातक किया है।

टिप्पणी

गोपनीयता बनाए रखने के लिए आपके ईमेल का पता सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *