महिला उद्यमियों के सामने आने वाली बैंक कर्ज से जुड़ी चुनौतियों को डिजिटल वित्तीय सेवाओं के जरिए दूर किया जा सकता है लेकिन इसके लिए नीतियों और प्रक्रियाओं को महिलाओं के मुताबिक ढालने की जरूरत है।
इस तथ्य के बावजूद कि मीडिया आत्महत्या के मामलों की संख्या पर उल्लेखनीय असर डाल सकता है, भारत में इससे जुड़ी रिपोर्टिंग की गुणवत्ता बहुत निचले स्तर की है। ऐसे में स्थिति को बेहतर बनाने के लिए क्या बदले जाने की ज़रूरत है?
सुजाता खांडेकर कोरो की संस्थापक निदेशक हैं। आईडीआर से उनकी इस बातचीत में जानिए कि सामाजिक परिवर्तन की कोशिशों में जमीनी स्तर के ज्ञान और अनुभव को कैसे शामिल किया जा सकता है।