लखीमपुर खीरी के थारू आदिवासी, दुधवा नेशनल पार्क की स्थापना के समय से ही वन विभाग के साथ संघर्ष कर रहे हैं और अब उनकी दूसरी-तीसरी पीढ़ी इसे आगे बढ़ा रही है।
अपने देश के श्रमिक वर्ग के लिए सामाजिक कल्याण और योजनाओं के लाभ उपलब्ध करवाना तो दूर उन्हें उनके सरकारी पहचान दस्तावेज दिला पाने में भी हम बहुत पीछे हैं।
हिंदी पॉडकास्ट पुलियाबाज़ी में सुनें कि सरकार जिस ‘एक देश एक चुनाव’ नीति को लेकर इतनी गंभीरता दिखा रही है, उसका आम चुनावों और लोकतंत्र पर कैसा असर देखने को मिल सकता है।
देश में आरटीआई आंदोलन के लीडर और एमकेएसएस के स्थापकों में से एक, सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह आईडीआर से बातचीत में अपने कामकाजी और निजी जीवन के बारे में बात कर रहे हैं।
देश में आरटीआई आंदोलन के लीडर और एमकेएसएस के स्थापकों में से एक, सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह आईडीआर से बातचीत में अपने कामकाजी और निजी जीवन के बारे में बात कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ और झारखंड के कोयला-निर्भर क्षेत्रों में जस्ट ट्रांज़िशन की प्रक्रिया के मुख्य केंद्र में स्थानीय लोगों को जमीन वापस देने का विचार क्यों होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में बीते 12 सालों से चल रहा कोयला सत्याग्रह कुछ सीखें देता है जिनकी मदद से पर्यावरण की रक्षा के लिए एक मज़बूत जन-आंदोलन खड़ा किया जा सकता है।