समाजसेवी संगठन में विविधता, समानता और समावेशन (डीईआई) जैसे प्रमुख तत्वों को लेकर प्रतिबद्धता भर काफ़ी नहीं है बल्कि उन्हें संगठन के मूल तत्वों में बदले जाने की ज़रूरत है।
किशोरों को व्यापक यौनिकता के बारे में जानकारी देने के लिए उनके परिवार और समुदायों के विशिष्ट सांस्कृतिक संदर्भों का इस्तेमाल करते हुए समझ बनाने वाले शैक्षिक पाठ्यक्रम को तैयार करने की ज़रूरत है।
शोध केंद्रित समाजसेवी संस्थाएं प्रभावी संचार रणनीति कैसे बना सकती है और कैसे इसे एक स्थाई प्रणाली के तौर पर विकसित कर सकती हैं, इस पर बात करती एक केस स्टडी।
बाहरी सलाहकारों को लाना समाजसेवी संस्थाओं के प्रभाव को बढ़ाने में कैसे मददगार साबित हो सकता है, इस पर रोशनी डालती अंतरंग फ़ाउंडेशन से जुड़ी एक केस स्टडी।
ऑनलाइन माध्यमों से आप घर बैठे न केवल ग्राम विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की जानकारी हासिल कर सकते हैं बल्कि दफ्तरों के अनावश्यक चक्कर लगाने से भी बच सकते हैं।
एफएफई का एल्मनाई एंगेजमेंट मॉडल बताता है कि समाजसेवी संस्थाओं से सहयोग और समर्थन पाने वाले, उनके कार्यक्रमों को लंबे समय तक चलाए रखने वाले फ़ंडिंग मॉडल का हिस्सा कैसे बन सकते हैं।