समाजसेवी संगठन में विविधता, समानता और समावेशन (डीईआई) जैसे प्रमुख तत्वों को लेकर प्रतिबद्धता भर काफ़ी नहीं है बल्कि उन्हें संगठन के मूल तत्वों में बदले जाने की ज़रूरत है।
किशोरों को व्यापक यौनिकता के बारे में जानकारी देने के लिए उनके परिवार और समुदायों के विशिष्ट सांस्कृतिक संदर्भों का इस्तेमाल करते हुए समझ बनाने वाले शैक्षिक पाठ्यक्रम को तैयार करने की ज़रूरत है।