पर्यावरण

October 16, 2024
महुआ: जलवायु संकट में भी बचा रह गया एक पारंपरिक भोजन
जलवायु परिवर्तन ने लगभग हर जगह खाद्य विविधता और परंपरागत भोजन संस्कृतियों को खतरे में डाल दिया है लेकिन महुआ इतने पर भी बचा हुआ है।
अनिल रेखा | 2 मिनट लंबा लेख
September 24, 2024
फोटो निबंध: असम के कैबार्ता समुदाय को अब नदी से आजीविका क्यों नहीं मिल पा रही है
असम के कैबार्ता समुदाय की आजीविका और संस्कृति अब जलवायु परिवर्तन, औद्योगिक प्रदूषण और अत्यधिक मछली पकड़े जाने जैसे कारणों के चलते संकट में है।
जाह्नबी मित्रा | 9 मिनट लंबा लेख
September 17, 2024
फाइटोप्लैंक्टन क्या हैं और हमें इन पर क्यों बात करनी चाहिए?
धरती पर ऑक्सीजन-कार्बन डाइआक्साइड का संतुलन बनाए रखने के लिए ज़िम्मेदार फाइटोप्लैंक्टन की संख्या दिनों-दिन घटती जा रही है, अगर ऐसा ही रहा तो हमारा भविष्य कैसा दिखेगा?
आशिका शिवांगी सिंह | 7 मिनट लंबा लेख
August 28, 2024
क्या बिहार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति इसे ईवी राज्य बनाने के लिए पर्याप्त है?
बिहार में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में उच्च पूंजी लागत, सीमित चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर और बैटरी की उपलब्धता जैसी बाधाएं हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन नीति के ज़रिये राज्य सरकार इससे निबटने के लिए प्रयास कर रही है।
राहुल सिंह | 10 मिनट लंबा लेख
August 6, 2024
यह बजट पर्यावरण के लिहाज से कितना अनुकूल है?
बजट में पर्यावरण को लेकर तो काफी बातें की गई हैं लेकिन देखने वाली बात यह रहगी कि इन्हें वास्तव में किस तरह से अमल में लाया जायेगा।
कुंदन पांडे | 8 मिनट लंबा लेख
July 23, 2024
कैसे जलवायु परिवर्तन ने ईंट भट्ठा मज़दूरों को कर्ज़ में डुबो दिया है?
ईंट का कारोबार मौसम पर निर्भर है लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही चरम मौसमी घटनाएं इस उद्योग को प्रभावित कर रही हैं।
July 22, 2024
फोटो निबंध: कैसे औद्योगीकरण ने एन्नोर को तबाही की तरफ़ धकेल दिया है
कभी उपजाऊ आर्द्रभूमि रहा एन्नोर अब भीषण पर्यावरण संकट का सामना कर रहा है जिसने लोगों के स्वास्थ्य और आजीविका को बुरी तरह प्रभावित किया है।
May 28, 2024
क्या केवल प्रमाण पत्र देकर जंगलों को बचाया जा सकता है?
भारत में वन एवं लकड़ी प्रमाणपत्र योजना बहुत ही महंगी है और इससे वनोपज का उचित उत्पादन या बेहतर वन प्रबंधन भी सुनिश्चित नहीं होता है।
धनपाल गोविंदराजुलु | 9 मिनट लंबा लेख
May 9, 2024
घुमंतू जनजातियां शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित क्यों हैं?
सामाजिक कल्याण योजनाएं बनाते हुए अक्सर खानाबदोश और अधिसूचित जनजातियों के लिए सार्वजनिक सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जाता है जिसे बदले जाने की ज़रूरत है।
दीपा पवार | 6 मिनट लंबा लेख
May 2, 2024
भारत में हीट एक्शन प्लान कितने प्रभावी हैं?
जलवायु परिवर्तन से हीटवेव में हो रही बढ़ोत्तरी के लिए ज़रूरी है कि सरकार राष्ट्रीय स्तर की नीतियों में इससे निपटने के उपाय शामिल करे ताकि अर्थव्यवस्था और जनजीवन दोनों पर इससे पड़ने वाले असर को कम किया जा सके।
ज़ोया अदा हुसैन | 10 मिनट लंबा लेख
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