तमिलनाडु में बढ़ती गर्मी और प्रदूषण का नई माताओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है, लेकिन इससे जुड़े नीतिगत हस्तक्षेपों के प्रयास अभी नजर नहीं आते हैं।
हाशिए पर धकेले गए समुदाय अक्सर आत्म-संदेह, सामाजिक रूढ़ियों और अकेलेपन से जूझते हैं। उन्हें ऐसे परिवेश की जरूरत है, जहां वे खुलकर अपनी बात रख पायें और उनकी आवाज लगातार सुनी जाए।
सरकारी व्यवस्थाओं के साथ काम करने वाली गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के मानकीकरण और संदर्भीकरण के बीच संतुलन बनाना, हमेशा एक बड़ा सवाल बना रहता है।
इस वीडियो में दिखेगा कि कैसे एक सामुदायिक आरजे स्क्रिप्ट, रिकॉर्डिंग और गांव के बीच अपने दिन को बांटती हैं। यह कहानी सामुदायिक रेडियो कार्यकर्ता के काम को समझने की कोशिश है।
उदयपुर, राजस्थान की एक महिला फॉरेस्ट गार्ड वन संरक्षण और ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही हैं, उनके संघर्ष और अनुभवों के बारे में यहां पढ़िए।