सरकारी व्यवस्थाओं के साथ काम करने वाली गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के मानकीकरण और संदर्भीकरण के बीच संतुलन बनाना, हमेशा एक बड़ा सवाल बना रहता है।
सामुदायिक संसाधनों पर चर्चा और जागरुकता बनाए रखने के लिए ग्राम-सभाओं को सशक्त बनाना और उनके एजेंडे को कॉमन्स और समुदाय की जरूरतों पर केंद्रित करना जरूरी हो गया है।
विकास सेक्टर में काम करते हुए फील्ड विजिट्स कभी कम नहीं हो सकती हैं लेकिन उनका बजट होता रहता है, इसलिए इस बार संस्थाओं से मुलाकात से ज्यादा सफर के खर्चे की चिंता है।
इस वीडियो में दिखेगा कि कैसे एक सामुदायिक आरजे स्क्रिप्ट, रिकॉर्डिंग और गांव के बीच अपने दिन को बांटती हैं। यह कहानी सामुदायिक रेडियो कार्यकर्ता के काम को समझने की कोशिश है।
उदयपुर, राजस्थान की एक महिला फॉरेस्ट गार्ड वन संरक्षण और ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रही हैं, उनके संघर्ष और अनुभवों के बारे में यहां पढ़िए।