आपदा से निबटना

Location Iconकेन्द्रपारा जिला, ओड़िशा
एक बड़े से कागज पर हाथ से खींचा गया जोखिम नक्शा- चक्रवाती तूफान ओड़िशा

दखीनवेदा ओड़िशा के केंद्रपारा जिले में लगभग 75 परिवारों वाला एक छोटा सा गाँव है। ब्राह्मणी नदी इस गाँव को चारों तरफ से घेरे हुई है और यह गाँव वर्षों से इसके प्रकोप का भाजन रहा है। इस नदी का उतार-चढ़ाव इस गाँव के लोगों के जीवन का मार्गदर्शन करता है। हर साल बढ़ती हुई तीव्रता और आवृति वाली बारिश और चक्रवात में मिट्टी की छोटी-छोटी झोपड़ियाँ बह जाती हैं और लोगों का जीवन बाधित हो जाता है। 

आपदा जोखिम को कम करने के उपाय के रूप में नक्शा बनाना सिखाने वाली गंगा बताती हैं कि “पिछले ही साल हमारे यहाँ दो चक्रवात आए थे।” गाँव के अन्य लोगों की तरह ही गंगा ने भी मात्र 13 साल की ही उम्र में आपदा से होने वाले जोखिम को कम करने के लिए नक्शे के उपयोग का प्रशिक्षण ले लिया था।

प्राकृतिक आपदा के दौरान ये नक्शे लोगों को सुरक्षित रूप से आश्रयों और रास्तों तक पहुँचने में उनकी मदद करते हैं। गंगा बताती हैं कि, “कच्ची (बिना कंक्रीट वाली/मिट्टी से बनी) और पक्की (कंक्रीट वाली) सड़कों को नक्शे में विभिन्न रंगों द्वारा स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। लोगों को मालूम है कि आपदा की स्थिति में उन्हें सिर्फ कंक्रीट से बनी सड़कों पर ही चलना है और कच्चे घरों और सड़कों से बचना है। यह नक्शा उन्हें नजदीकी आश्रयों के बारे में भी बताता है जो अक्सर उस इलाके का विद्यालय और उसके आसपास की जगह होती है।”  

कुल तीन तरह के नक्शे हैं: सामाजिक नक्शा, संपत्ति का नक्शा और जोखिम वाला नक्शा। सामाजिक नक्शे में सभी तरह के घरों (कच्चा और पक्का घर), विद्यालयों, पानी के स्त्रोतों और गाँव का एक सामान्य खांका दिखाया जाता है। संपत्ति वाले नक्शे में चक्रवात के आश्रयों, विद्यालयों, मंदिरों और अन्य इमारतों को दर्शाया जाता है जिनका इस्तेमाल आश्रय के लिए किया जा सकता है। जोखिम वाला नक्शा कमजोर घरों के साथ साथ उन रास्तों के बारे में बताता है जहां से पानी गाँव में घुस सकता है। एक निकासी नक्शा भी होता है जिसका इस्तेमाल सुनामी आने की स्थिति में किया जा सकता है। 

गंगा अब गाँव-गाँव जाकर बच्चों और व्यस्कों को नक्शा बनाना सिखाती हैं। नक्शों के तत्काल उपयोगिता के उद्देश्य के अलावा गंगा को यह भी लगता है कि यह काम उनके कला निर्माण कौशल में सुधार लाने में भी मददगार साबित हो रहा है।

जैसा कि आईडीआर को बताया गया।

गंगादेवी राउत ओड़िशा में नेचर क्लब के साथ एक सामुदायिक कार्यकर्ता के रूप में काम करती हैं।

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अधिक जानें: पढ़ें कि कैसे युवाओं में लोचदार कौशल विकसित करने से उन्हें विपरीत परिस्थितियों से निबटने में मदद मिल सकती है।


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