हर्षिता सिन्हा प्रवासी श्रमिकों और भारतीय अनौपचारिक श्रम बाजार पर काम करने वाले लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पीएचडी उम्मीदवार हैं। वह इंडिया माइग्रेशन नाउ और बंधु अर्बन टेक की माइग्रेशन फेलो भी हैं। वह अपने काम के माध्यम से शहरी गंतव्य राज्यों में नागरिकता और अनौपचारिक श्रम व्यवस्था के प्रतिच्छेदन पर नजर बनाए रखती हैं। उन्होंने हाल ही में वॉयस ऑफ इनफॉर्मलिटी, एक ज्ञान मंच तैयार किया है जिसका उद्देश्य अभ्यास-आधारित कार्रवाई के लिए अनौपचारिकता पर जमीनी स्तर की कहानियों को सामने लाना है।