हर्षिता सिन्हा

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हर्षिता सिन्हा प्रवासी श्रमिकों और भारतीय अनौपचारिक श्रम बाजार पर काम करने वाले लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में पीएचडी उम्मीदवार हैं। वह इंडिया माइग्रेशन नाउ और बंधु अर्बन टेक की माइग्रेशन फेलो भी हैं। वह अपने काम के माध्यम से शहरी गंतव्य राज्यों में नागरिकता और अनौपचारिक श्रम व्यवस्था के प्रतिच्छेदन पर नजर बनाए रखती हैं। उन्होंने हाल ही में वॉयस ऑफ इनफॉर्मलिटी, एक ज्ञान मंच तैयार किया है जिसका उद्देश्य अभ्यास-आधारित कार्रवाई के लिए अनौपचारिकता पर जमीनी स्तर की कहानियों को सामने लाना है।




हर्षिता सिन्हा के लेख


दो महिलाएं, एक अपने स्मार्टफोन को देख रही है और एक टैबलेट को देख रही है और ऐप का उपयोग कर रही है-ई-श्रम पोर्टल

March 16, 2022
अनौपचारिक कर्मचारियों की मदद के लिए बनाई गई सरकारी योजनाओं में खामियाँ
ई-श्रम पोर्टल तक पहुँचने में आने वाली बाधाओं को दूर करना जरूरी है ताकि अनौपचारिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिक भी इसका लाभ उठा सकें।