प्रदीपिका सारस्वत इंडिया वॉटर पोर्टल से मैनेजिंग एडिटर के तौर पर जुड़ी हुई हैं। इस भूमिका में उनका प्रयास है कि जल संसाधन से जुड़े साहित्य का सुगम दस्तावेजीकरण किया जा सके।वे मानवीय स्थिति की अध्येता के तौर पर लेखन, पठन, और पत्रकारिता में एक दशक से अधिक का अनुभव रखती हैं। उन्होंने द क्विंट, सत्याग्रह, और इंडिया टुडे जैसे संस्थानों के अलावा स्वतंत्र रूप से काम किया है, जिसकी मुख्य धारा मानवीय और नागरिक समस्याओं के इर्द-गिर्द घूमती है।वे मानती हैं कि पढ़ना–चाहे साहित्यिक हो, तथ्यपरक हो या परिस्थितियों को पढ़ने का प्रयास हो, मानव को सबसे अधिक समृद्ध करता है। पढ़ने और लिखने के अलावा उन्हें पेड़-पौधों और प्रकृति के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।