September 5, 2025

नेताओं और अफसरशाही को आईना दिखाता अंगिका भाषा का लोकगीत

अंगिका भाषा का यह लोकगीत ग्रामीण जीवन की कठोर वास्तविकताओं को सामने लाता है और प्रभावशाली वर्ग द्वारा शोषण और एकतरफा नीतियों की तीखी आलोचना करता है।
2 मिनट लंबा लेख

जन जागरण शक्ति संगठन, एक पंजीकृत ट्रेड यूनियन है और यह बिहार के अररिया, कटिहार और सहरसा जिलों में सक्रिय है। संगठन द्वारा बनाया गया यह व्यंग्यात्मक लोकगीत समाज की जड़ में व्याप्त भ्रष्टाचार और शोषण को उजागर करता है। सरल, लेकिन शक्तिशाली रूपकों के जरिए इस गीत में भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों की तुलना बिल्ली (बिलार) और सियार (गीदड़) से की गयी है।

जन संगठनों की गीत-संगीत के प्रयोग की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाने वाला यह गीत, बड़ी सहजता से यह कह जाता है कि जिन्हें लोगों की सुरक्षा और नेतृत्व करना था, वे ही उनके शोषक बन गए हैं। अंगिका भाषा का यह गीत ग्रामीण जीवन की कठोर वास्तविकताओं को भी सामने रखता है और प्रभावशाली वर्ग और उनकी एकतरफा नीतियों की तीखी आलोचना करता है। आलोचनाओं से इतर, इस गीत का अपना एक विनोदी मिजाज है, जो ध्यान खींच लेने वाली लोक धुन के साथ तीखे शब्दों को बड़ी सहजता से समेट लेता है।

यह गीत मूल रूप से गीत और गाथा यूट्यूब चैनल पर प्रकाशित किया गया है।

फेसबुक बैनर_आईडीआर हिन्दी

लेखक के बारे में
जन जागरण शक्ति संगठन-Image
जन जागरण शक्ति संगठन

जन जागरण शक्ति संगठन (जेजेएसएस) असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक पंजीकृत ट्रेड यूनियन है। यह अररिया, कटिहार और सहरसा जिलों में श्रमिक, जाति और जेंडर से जुड़े मुद्दों पर स्थानीय युवाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है।

टिप्पणी

गोपनीयता बनाए रखने के लिए आपके ईमेल का पता सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *