युवाओं से अपेक्षाएं_युवा
परिवार, समाज और बाजार से लेकर सरकारों तक को युवाओं से उम्मीद है लेकिन युवा किससे उम्मीद करें?
अंजलि मिश्रा | 2 मिनट लंबा लेख
ईंट भट्ठे पर ईंटे बनाते श्रमिक-जलवायु परिवर्तन

कैसे जलवायु परिवर्तन ने ईंट भट्ठा मज़दूरों को कर्ज़ में डुबो दिया है?
ईंट का कारोबार मौसम पर निर्भर है लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही चरम मौसमी घटनाएं इस उद्योग को प्रभावित कर रही हैं।
किनारे लगे बहुत सारे नाव_समुद्री जीवन

फोटो निबंध: कैसे औद्योगीकरण ने एन्नोर को तबाही की तरफ़ धकेल दिया है
कभी उपजाऊ आर्द्रभूमि रहा एन्नोर अब भीषण पर्यावरण संकट का सामना कर रहा है जिसने लोगों के स्वास्थ्य और आजीविका को बुरी तरह प्रभावित किया है।
नूरन्निशा, हाइरुन्निशा | 10 मिनट लंबा लेख
टूटी हुई सड़क- सड़क

सड़क कब और क्यों बनती है?
सालों पुराने सवाल का जवाब, शायद ही कोई जानता है।
रवीना कुंवर | 2 मिनट लंबा लेख

ज़मीनी कहानियां

पर्यावरण

क्या जंगलों की वापसी ने बांकुरा में खेती को प्रासंगिक बना दिया है?
Location Icon बांकुरा जिला, ​पश्चिम बंगाल

मेरा एक दिन


खेत में बातें कर रही महिलाओं का एक झुंड_ग्रामीण कामकाजी महिला

एक युवा महिला के समाजसेवी संस्था से कॉर्पोरेट तक पहुंचने का सफ़र
समाजसेवी संस्था के साथ काम करने का अनुभव रखने वाली प्रतिभा सिंह अब उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण इलाक़े में बतौर सेल्स एग्जीक्यूटिव काम करती हैं, उनके एक दिन का हाल।
जिस दिन मैं चारकोल बनाने वाली यूनिट में काम पर नहीं जाता हूं, उस दिन मैं अपने समुदाय के लिए काम करता हूं और उनकी समस्याओं को सुलझाता हूं। | चित्र साभार:मुनियप्पन
मेरे पिछले जीवन में याद करने जैसा कुछ नहीं है
तमिलनाडु के एक पूर्व बंधुआ श्रमिक जो अब एक सामुदायिक नेता हैं, अपने एक दिन का हाल बताते हुए समुदाय की स्थिति बेहतर बनाने के प्रयासों का ज़िक्र कर रहे हैं।
एक दुकान के सामने खड़े चतर सिंह_ई-मित्र
ई-मित्र अपनी ज़िम्मेदारियां ठीक से निभाकर लोगों को सशक्त बना सकते हैं
राजस्थान के एक ई-मित्र कार्यकर्ता के जीवन का एक दिन कैसे बीतता है जब वह डिजिटल माध्यमों से सरकारी योजनाओं और ऑनलाइन सेवाओं की जानकारी देकर लोगों की मदद करता है।