स्वास्थ्य

November 20, 2023
प्राथमिक चिकित्सा का मतलब डॉक्टर और दवाखाना नहीं है
प्राथमिक चिकित्सा में कमी आगे चलकर क्षेत्रीय महामारियों की वजह बन सकती है, इससे बचने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच को लेकर जागरुकता लाने और इसके नए तरीक़े खोजने की ज़रूरत है।
October 11, 2023
भारत में मातृत्व लाभ: पीएमएमवीवाई के अधूरे वादे
प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना में गर्भवती महिलाओं के लिए अपर्याप्त प्रावधान भारत में मातृत्व लाभ की चिंताजनक स्थिति पर प्रकाश डालते हैं।
April 17, 2023
एक सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना, जो सबके लिए हो
केंद्र और राज्य सरकारें चाहें तो अपने सीमित आर्थिक बजट के भीतर ही गंभीर और खर्चीली बीमारियों के लिए यह नई तरह की स्वास्थ्य बीमा योजना ला सकती है और हर सामाजिक-आर्थिक वर्ग के लोग इसका फायदा उठा सकते हैं।
February 15, 2023
आशा कार्यकर्ता: जब अनिवार्य हैं तो औपचारिक क्यों नहीं?
आशा कार्यकर्ता सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसके बावजूद, वे लंबे घंटों, कम वेतन और सामाजिक सुरक्षा की कमी के रूप में अनिश्चित कार्य स्थितियों का अनुभव करते हैं।
February 8, 2023
घुमंतू और विमुक्त जनजातियों के मानसिक न्याय के लिए मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरी है
घुमंतू और विमुक्त जनजातियां भेदभाव, अन्याय और विकास योजनाओं के अभाव का सामना करती हैं। इन समुदायों के मानसिक स्वास्थ्य को इनके संघर्ष से अलग करके नहीं देखा जा सकता है।
दीपा पवार | 9 मिनट लंबा लेख
January 25, 2023
सामाजिक व्यवहार परिवर्तन में रीति-रिवाज एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं
पारंपरिक प्रथाओं और रीति-रिवाजों को अक्सर आधुनिक स्वास्थ्य विज्ञान और बायोमेडिकल सुझावों से उलट अंधविश्वास की तरह देखा जाता है, लेकिन ऐसा करना सही नहीं।
January 11, 2023
क्या बिहार का बिमहास मानसिक अस्पतालों को लेकर आम नज़रिए को बदल सकता है?
बिहार सरकार द्वारा स्थापित बिमहास, उत्तर भारत में सार्वजनिक मानसिक स्वास्थ्य का केंद्र बन सकता है। इसके लिए मनोसामाजिक विकलांगता को लेकर जागरुकता अभियान और सहयोग की भी जरूरत होगी।
भवेश झा | 6 मिनट लंबा लेख
November 2, 2022
सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को समझना
सरकारी योजनाएं और समाजसेवी स्वास्थ्य हस्तक्षेप काफ़ी हद तक फ़्रंटलाइन कार्यकर्ताओं पर निर्भर हैं। यह लेख उन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने वाले कारकों, उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उन्हें दूर करने के तरीक़ों के बारे में बता रहा है।
अनुजा जयारमण, निखत शेख | 5 मिनट लंबा लेख
September 21, 2022
आत्महत्या की घटनाओं के रोकथाम में मीडिया रिपोर्टिंग की ताक़त
इस तथ्य के बावजूद कि मीडिया आत्महत्या के मामलों की संख्या पर उल्लेखनीय असर डाल सकता है, भारत में इससे जुड़ी रिपोर्टिंग की गुणवत्ता बहुत निचले स्तर की है। ऐसे में स्थिति को बेहतर बनाने के लिए क्या बदले जाने की ज़रूरत है?
तनाया जगतियानी | 12 मिनट लंबा लेख
August 3, 2022
बाल कुपोषण: मेलघाट से मिली सीख
एक आईएएस अधिकारी ने कुपोषण से लड़ने के लिए स्थानीय डेटा, अंत:क्षेत्रीय समाधानों और समुदायों, सरकारों और स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका के महत्व को दर्शाया है।
डॉ मित्ताली सेठी | 9 मिनट लंबा लेख
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