लखीमपुर खीरी के थारू आदिवासी, दुधवा नेशनल पार्क की स्थापना के समय से ही वन विभाग के साथ संघर्ष कर रहे हैं और अब उनकी दूसरी-तीसरी पीढ़ी इसे आगे बढ़ा रही है।
छत्तीसगढ़ और झारखंड के कोयला-निर्भर क्षेत्रों में जस्ट ट्रांज़िशन की प्रक्रिया के मुख्य केंद्र में स्थानीय लोगों को जमीन वापस देने का विचार क्यों होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ में बीते 12 सालों से चल रहा कोयला सत्याग्रह कुछ सीखें देता है जिनकी मदद से पर्यावरण की रक्षा के लिए एक मज़बूत जन-आंदोलन खड़ा किया जा सकता है।