कृषि

April 8, 2024
क्या सरकारी योजनाओं की परीक्षण-प्रक्रिया पर दोबारा विचार की ज़रूरत है?
भारत में पायलट प्रोजेक्ट के ज़रिए सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन प्रक्रिया की व्यवहारिकता का आकलन किया जाता रहा है। यहाँ पीएम कुसुम योजना पर किसानों द्वारा मिलने वाली संभावित प्रतिक्रियाओं का पता लगाने के लिए एक एबीएम अभ्यास का आयोजन किया गया है।
February 19, 2024
किसान उत्पादक संगठनों की सफलता कैसे सुनिश्चित की जा सकती है?
किसानों की आय उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफ़पीओ) को मार्केट-रेडी उत्पाद का मॉडल विकसित करने और विकेंद्रीकृत उत्पादन पर ज़ोर देने की ज़रूरत है।
नीलम छिबर | 10 मिनट लंबा लेख
January 22, 2024
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के ज़रिए ज्वार-बाजरा को आम लोगों तक पहुंचाना
भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली मोटे अनाजों (ज्वार, बाजरा, रागी वग़ैरह) को आम लोगों तक पहुंचाने में कैसे मददगार हो सकती है और इस राह की चुनौतियां क्या हैं?
December 14, 2023
कैसे मौसम की अनियमितता किसानों से उनकी खेती-बाड़ी छीन रही है
बीते कई सालों से वर्षा की अनियमितता की वजह से फसल-चक्र बिगड़ा है और किसानों को भारी नुक़सान उठाना पड़ा है। इसके चलते अब वे अपनी ज़मीनें निजी कंपनियों को देने पर मजबूर हो रहे हैं।
मिथिलेश धर दुबे | 12 मिनट लंबा लेख
November 23, 2022
ग्रामीण महिला किसानों को सशक्त बनाने वाला एक मॉडल जो उन्हीं से मज़बूत बनता है
कभी आपदाओं से निपटने के लिए बनाया गया यह स्वयं सहायता समूह आज ग्रामीण महिला किसानों को खाद्य सुरक्षा, आर्थिक आत्मनिर्भरता से लेकर सार्वजनिक नेतृत्व तक के सबक़ सिखा रहा है।
सलोनी मेघानी | 8 मिनट लंबा लेख
October 19, 2022
छोटे और पिछड़े किसानों के लिए खेती को सहज बनाना
स्वयं शिक्षण प्रयोग और प्रदान जैसे संगठन यह दिखा रहे हैं कि लगातार आसान और नए उपाय अपनाकर छोटी जोत वाली खेती को व्यावहारिक बनाया जा सकता है।
September 21, 2022
फ्रंटलाइन कार्यकर्ता भारत के ग्राम्य विकास को दुनिया के लिए एक उदाहरण बना सकते हैं
ग्रामीण युवा एक अनमोल संसाधन हैं जिन्हें जल और कृषि के क्षेत्रों में फ्रंटलाइन कार्यकर्ता के तौर पर शामिल करना गांवों के तेज विकास में मददगार हो सकता है।
June 30, 2022
महिलाओं के नेतृत्व को पहचानने के अवसर में तब्दील एक संकट
स्वयं शिक्षण प्रयोग की संस्थापक प्रेमा गोपालन से हुई बातचीत जिसमें वे महिलाओं के लिए आजीविका के स्थायी साधन के रूप में खेती की भूमिका पर बात कर रही हैं।
January 20, 2022
“ज्यादा रासायनिक खाद मतलब ज्यादा बीमारियाँ”
उड़ीसा के नयागढ़ में जैविक खेती और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों के साथ काम करने वाले कृषि मित्र के जीवन का एक दिन।
लक्ष्मीप्रिया साहू | 5 मिनट लंबा लेख
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