श्रमिक

February 26, 2025
दांव पर ज़िंदगी: अरबों के टेक्सटाइल उद्योग का कड़वा सच
सूरत का भव्य टेक्सटाइल उद्योग भले ही समृद्धि की मिसाल हो, लेकिन इसकी बुनियाद प्रवासी श्रमिकों की बदहाल जीवन परिस्थितियों पर टिकी है।
दिशा डी., सिवा मलिक | 8 मिनट लंबा लेख
January 29, 2025
प्रवासी श्रमिकों के सुरक्षित भविष्य की राह एक सुविचारित नीति से ही निकलेगी
कोविड महामारी के दौरान ही पता चल गया था कि प्रवासी श्रमिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए नीतियां, प्रक्रियाएं और प्रणालियां तत्काल तय किए जाने की ज़रूरत है।
जॉनसन टोपनो | 10 मिनट लंबा लेख
January 15, 2025
फोटो निबंध: अपने श्रम अधिकारों के लिए साकी नाका के श्रमिकों का संघर्ष
मुंबई के कुर्ला में हमाल श्रमिक उचित वेतन और सामाजिक सुरक्षा के अभाव में संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि, अब वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
October 31, 2024
क्या युवाओं को दूसरे देशों में श्रम कार्य करने भेजना एक सही फैसला है?
अपनी विशाल आबादी की बदौलत भारत, कई दशकों से अपनी युवा श्रम शक्ति के लिए योग्य रोजगार ढूंढ पाने में असफल एवं संघर्षरत रहा है।
डॉ रमानाथ झा | 8 मिनट लंबा लेख
September 11, 2024
शहर और गांव की पहचान क्या है और इसे कैसे तय किया जाना चाहिए?
शहरी अध्ययन पर शोध और विमर्श रखने वाले अकादमिक व्यक्तित्व, गौतम भान से द थर्ड आई की बातचीत के कुछ अंश।
शबानी हसनवालिया | 9 मिनट लंबा लेख
July 23, 2024
कैसे जलवायु परिवर्तन ने ईंट भट्ठा मज़दूरों को कर्ज़ में डुबो दिया है?
ईंट का कारोबार मौसम पर निर्भर है लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही चरम मौसमी घटनाएं इस उद्योग को प्रभावित कर रही हैं।
June 4, 2024
आर्थिक विकास के साथ ग्रामीण मज़दूरों की आय क्यों नहीं बढ़ रही है?
अर्थशास्त्री आश्चर्य जताने लगे हैं कि भारत के अलावा दुनिया में कोई और देश नहीं जहां आर्थिक विकास होने के बावजूद दस सालों से ग्रामीण मज़दूरी ठहरी हुई हो।
रोहित इनानी | 13 मिनट लंबा लेख
May 1, 2024
देश का श्रमिक-वर्ग दस्तावेजों के मकड़जाल में उलझा क्यों दिखता है?
अपने देश के श्रमिक वर्ग के लिए सामाजिक कल्याण और योजनाओं के लाभ उपलब्ध करवाना तो दूर उन्हें उनके सरकारी पहचान दस्तावेज दिला पाने में भी हम बहुत पीछे हैं।
रजिका सेठ, राकेश स्वामी | 13 मिनट लंबा लेख
January 29, 2024
मेरे पिछले जीवन में याद करने जैसा कुछ नहीं है
तमिलनाडु के एक पूर्व बंधुआ श्रमिक जो अब एक सामुदायिक नेता हैं, अपने एक दिन का हाल बताते हुए समुदाय की स्थिति बेहतर बनाने के प्रयासों का ज़िक्र कर रहे हैं।
मुनियप्पन | 5 मिनट लंबा लेख
June 14, 2023
आंकड़े मुस्लिम महिला श्रमिकों के बारे में क्या नहीं बताते हैं?
महामारी ने जहां एक तरफ़ मध्य और उच्च वर्ग की मुस्लिम महिलाओं के लिए नौकरी पाना आसान बना दिया है, वहीं दूसरी ओर निम्न-आय वाले परिवारों और प्रवासियों को इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।
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