हलीमा अंसारी

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हलीमा अंसारी आईडीआर में सम्पादकीय विश्लेषक के रूप में कार्यरत हैं जहां वे आलेखों के लेखन, सम्पादन और प्रकाशन की जिम्मेदारी सम्भालती हैं। वे टेक्नोलॉजी में लिंग और नैतिकता जैसे विषय में रूचि रखती हैं और उन्होंने फ़ेमिनिज़म इन इंडिया और एमपी-आईडीएसए के लिए इस विषय पर लेख भी लिखे हैं। हलीमा ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पॉलिटिक्स एवं एरिया स्टडीज़ में एमए किया है और लेडी श्रीराम कॉलेज फ़ॉर वीमेन से इतिहास में बीए की पढ़ाई पूरी की है।




हलीमा अंसारी के लेख


संचार के माध्यम_संचार प्रणाली

March 18, 2024
समाजसेवी संगठन अपनी संचार रणनीति को प्रभावी कैसे बना सकते हैं?
शोध केंद्रित समाजसेवी संस्थाएं प्रभावी संचार रणनीति कैसे बना सकती है और कैसे इसे एक स्थाई प्रणाली के तौर पर विकसित कर सकती हैं, इस पर बात करती एक केस स्टडी।
स्कूल भवन के बाहर शिक्षक और बच्चे_संवैधानिक मूल्य

January 30, 2024
युवाओं को संवैधानिक मूल्यों से जोड़ना हमेशा चलने वाली एक यात्रा है
भले ही भारत का संविधान विश्व स्तर पर सबसे उदार और प्रगतिशील संविधानों में से एक माना जाता है, लेकिन देश का युवा इसके बारे में कम ही जानता है।
धान की खेत की मेड़ पर चलती एक महिला_महिला भूमि अधिकार

July 19, 2023
पुरुषों का साथ महिलाओं के लिए भूमि अधिकार हासिल करना आसान बना सकता है
महिलाओं को भूमि अधिकार दिलाने के लिए काम कर रही समाजसेवी संस्थाओं के लिए यह स्थापित करना जरूरी है कि लड़ाई पुरुषों से नहीं, पितृसत्ता से है।
अपने हाथ में सोलर पैनल लेकर खड़ी चार महिलाएं_महिला जलवायु परिवर्तन

July 12, 2023
महिलाएं जलवायु परिवर्तन के काम को रफ्तार दे सकती हैं
महिलाओं के लिए एक ऐसा वातावरण बनाने की जरूरत है जहां वे जलवायु समस्याओं के हल खोजने में प्रमुख भूमिका निभा सकें क्योंकि ये उन्हें सबसे अधिक प्रभावित करती हैं।
एक समूह में खड़ी महिलाएं_एसिड अटैक रोज़गार

June 29, 2023
आत्मदाह और एसिड हमले के पीड़ितों को मुख्यधारा में कैसे लाया जाए?
एसिड हमले और आत्मदाह के पीड़ितों को ऐसे पुनर्वास कार्यक्रमों की जरूरत है जिनमें समाज और वे खुद भी उन्हें उनके बदले स्वरूप में स्वीकार कर सकें।