अंजलि मिश्रा

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अंजलि मिश्रा, आईडीआर में हिंदी संपादक हैं। इससे पहले वे आठ सालों तक सत्याग्रह के साथ असिस्टेंट एडिटर की भूमिका में काम कर चुकी हैं। उन्होंने टेलीविजन उद्योग में नॉन-फिक्शन लेखक के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। बतौर पत्रकार अंजलि का काम समाज, संस्कृति, स्वास्थ्य और लैंगिक मुद्दों पर केंद्रित रहा है। उन्होंने गणित में स्नातकोत्तर किया है।




अंजलि मिश्रा के लेख


हिंदी फ़िल्म 'शोले' से होली का एक प्रतीकात्मक चित्र_होली

March 14, 2025
विकास सेक्टर की होली पार्टी के लिए बॉलीवुड प्लेलिस्ट
अगर आप विकास सेक्टर में अलग-अलग भूमिकाओं में काम करते हैं, तो आपके लिए बॉलीवुड का कौन सा गाना सबसे सटीक रहेगा?
इंटरव्यू के दौरान बैठे दो लोग__जमीनी कार्यकर्ता

February 21, 2025
शायर कार्यकर्ता का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
शायर कार्यकर्ता से आईडीआर की काल्पनिक बातचीत, जिसका वास्तविक घटनाओं से भरपूर मेल है।
अलग-अलग तराजू में दिखाई देते डुडल_बजट

February 14, 2025
बजट और हम: विकास सेक्टर की एक पुरानी कहानी के कुछ नए दृश्य
नए बजट से विकास सेक्टर में काम करने वालों को होने या ना होने वाले कुछ फायदे और नुकसान, जिनका ख्याल हमें आया।
पितृसत्ता_घर का काम

January 17, 2025
लड़कियां क्या कुछ नहीं कर सकती हैं लेकिन…
स्कूल से लेकर नौकरी तक और नौकरी से लेकर चांद तक, महिलाएं हर जगह पहुंच सकती हैं लेकिन वहां से लौटने के बाद उन्हें कुछ तय काम करने ही हैं।
विकास सेक्टर_कॉन्फ्रेंस

December 20, 2024
चर्चा शहरी, चुनौती जमीनी
एकाध अपवाद छोड़ दें तो विकास सेक्टर की ज्यादातर कॉन्फ्रेंस और सम्मेलन जमीनी स्तर से दूर ही नजर आते हैं।
संविधान की किताब_अधिकार

November 29, 2024
विकास सेक्टर में काम करने वालों के लिए प्रस्तावित मौलिक अधिकार
संविधान हमें संवैधानिक अधिकार देता है लेकिन यहां पर विकास सेक्टर के लिए जरुरी कुछ ‘सुविधानिक अधिकारों’ की बात की गई है।
दीपावली की मिठाई_दिवाली

November 1, 2024
इस दीवाली जानिए आप विकास सेक्टर की कौन सी मिठाई हैं?
दीपावली की मिठाइयों और विकास सेक्टर के तमाम तबकों के बीच की इस तुलना में तुक-तान खोजना आपका काम है।
दो महिलायें_आंगनवाड़ी कार्यकर्ता

September 27, 2024
पोषण माह में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के अनुभव
पोषण माह के दौरान गुल्लक सीरीज़ के बहाने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की काल्पनिक प्रतिक्रियाएं।
ग्राम सभा में जमीनी कार्यकर्ता_हिंदी

September 13, 2024
एक बार फील्ड में: जब शुद्ध हिंदी बोलने के चक्कर में गड़बड़ हो गई
जमीनी कार्यकर्ताओं को समुदाय के साथ हिंदी में ही बात करने की समझाइश दी जाती है, इसी कोशिश के चलते हुई गड़बड़ी का एक दिलचस्प किस्सा।
आजादी के लिए नारे लगाते लोग_युवाओं का संघर्ष

August 16, 2024
कल के लिए लड़ाई: आज़ादी से अब तक
भले दौर अलग हों, मुद्दे अलग हों लेकिन युवा हर बार देश में विरोध की आवाज़ बनते रहे हैं।