ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहे विमुक्त घुमंतू जनजाति समुदायों ने अंग्रेजी शासन से लेकर आज तक सामाजिक और प्रशासनिक भेदभाव का सामना किया है। देखें, उनकी चुनौतियों और पहचान की लड़ाई की पूरी कहानी।
भारत में रोहिंग्या समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित किया गया है, वे विस्थापित हैं और अदृश्य कर दिए गए हैं। नागरिक समाज उन्हें एक गरिमामय जीवन तक पहुंचने में कैसे मदद कर सकता है?
हाल ही में भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया। इसने एक व्यापक और गलत धारणा को जन्म दिया है कि भारत की आबादी, संसाधनों की कमी से लेकर जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर वैश्विक मुद्दों की जड़ है।
अपने देश के श्रमिक वर्ग के लिए सामाजिक कल्याण और योजनाओं के लाभ उपलब्ध करवाना तो दूर उन्हें उनके सरकारी पहचान दस्तावेज दिला पाने में भी हम बहुत पीछे हैं।