बढ़ते दबावों के बीच गैर-लाभकारी संस्थाओं की सबसे बड़ी ताकत उनकी विविधता है, जिसका प्रभावी उपयोग भारत के सामाजिक क्षेत्र के अस्तित्व और भविष्य की कुंजी साबित होगा।
जमीनी संगठनों के लिए समुदाय से रिश्ता बनाए रखना सबसे अधिक जरूरी है क्योंकि समुदाय, यदि संगठन की अहमियत समझेगा तो वह उसकी आर्थिक जरूरतों का भी खयाल रखेगा।
फंडर्स और समाजसेवियों का गैर-लाभकारी मीडिया संस्थाओं में निवेश करना जरूरी है क्योंकि वे लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध हो सकने वाले ज्ञान भंडार के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।