जमीनी कार्यकर्ता

March 20, 2025
विकास सेक्टर में अपना डिजिटल फुटप्रिंट कैसे तैयार करें?
डिजिटल एक्टिविज़म में सोशल मीडिया हैशटैग कैंपेन, ऑनलाइन याचिकाएं, क्राउडफंडिंग और कंटेंट क्रिएशन जैसे उपाय तरीके शामिल हैं।
March 6, 2025
सरल कोश: फेमिनिज़म
फेमिनिज़म का उद्देश्य वंचित समुदायों को सशक्त बनाना और पितृसत्ता को चुनौती देना है।
March 4, 2025
सुनना, समझना, सहारा देना: मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता होने के मायने
उत्तराखंड के देहरादून में स्थित एक सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की दिनचर्या, जो लोगों के साथ भरोसेमंद रिश्ता बनाकर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाती हैं।
गीता शाक्या | 6 मिनट लंबा लेख
March 3, 2025
फोटो निबंध: समय के साथ बहे जलाशय, अब संवारने की बारी
बुंदेलखंड में गणतंत्र दिवस की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ को सदियों पुराने पारंपरिक जलाशयों के पुनरोद्धार के माध्यम से साकार किया जा रहा है।
February 21, 2025
शायर कार्यकर्ता का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
शायर कार्यकर्ता से आईडीआर की काल्पनिक बातचीत, जिसका वास्तविक घटनाओं से भरपूर मेल है।
February 7, 2025
पाताल लोक गाइड: जमीनी कार्यकर्ता विशाल आयोजनों में हिम्मत कैसे बनाए रखें
जब एक जमीनी कार्यकर्ता महानगर में आयोजित किसी ‘लग्जरी’ कार्यशाला में पहुंचता है तो मन खुद को ‘इंस्पेक्टर हाथीराम’ और आयोजन को 'पाताल लोक' सा महसूस करता है।
February 6, 2025
समाजसेवी संस्थाएं अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए कितनी तैयार हैं?
सोशल सेक्टर में एआई का सही इस्तेमाल कार्यकुशलता को कई गुना बढ़ा सकता है लेकिन इसे अपनाने से पहले कुछ जरूरी सवालों के जवाब टटोलना बाकी है।
January 31, 2025
एनजीओ वालों से ना पूछो: इस पेशे में कितना पैसा, कैसा पैसा?
समाज को बदलने के बुलंद इरादों लेकिन उतनी ही कम सैलरी के चलते एनजीओ वर्कर को समाज और परिवार जिस तरह से देखता है, उसमें जमीन-आसमान का फर्क दिखता है।
January 24, 2025
गणतंत्र दिवस पर दिल में देशभक्ति के अलावा और कौन-कौन से भाव आते हैं?
गणतंत्र दिवस पर स्कूल के बच्चों से लेकर शिक्षक, सरपंच और बाकी तमाम लोगों की चिंताओं की वजहें एक-दूसरे से एकदम अलग होती हैं।
January 23, 2025
समाजसेवी संस्थाओं को सरकार के साथ जुड़कर काम क्यों करना चाहिए?
सरकार के साथ जुड़कर काम करने की चाह रखने वाली, समाजसेवी संस्थाओं के लिए पहले सरकार की विशेषता को भी अच्छे से समझना जरूरी है।
मयंक लोधा | 5 मिनट लंबा लेख
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