रोजगार

October 31, 2024
क्या युवाओं को दूसरे देशों में श्रम कार्य करने भेजना एक सही फैसला है?
अपनी विशाल आबादी की बदौलत भारत, कई दशकों से अपनी युवा श्रम शक्ति के लिए योग्य रोजगार ढूंढ पाने में असफल एवं संघर्षरत रहा है।
डॉ रमानाथ झा | 8 मिनट लंबा लेख
October 7, 2024
शिक्षा और कौशल को साथ लाना भविष्य में देश को मजबूत श्रमबल दे सकता है
भारत में, कौशल विकास कार्यक्रमों की विफलता का कारण कमजोर शैक्षणिक नींव है, यह लोगों को श्रमबल के रूप में तैयार करने में असफल हो रही है।
डॉ गायत्री वासुदेवन | 8 मिनट लंबा लेख
September 24, 2024
फोटो निबंध: असम के कैबार्ता समुदाय को अब नदी से आजीविका क्यों नहीं मिल पा रही है
असम के कैबार्ता समुदाय की आजीविका और संस्कृति अब जलवायु परिवर्तन, औद्योगिक प्रदूषण और अत्यधिक मछली पकड़े जाने जैसे कारणों के चलते संकट में है।
जाह्नबी मित्रा | 9 मिनट लंबा लेख
August 7, 2024
मनरेगा में रोजगार बंद होने से पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों पर क्या असर पड़ा है?
मनरेगा योजना के बंद होने से न केवल ग्रामीण स्तर पर लोगों का रोजगार जा रहा है बल्कि उन्हें पलायन के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है।
राहुल सिंह | 7 मिनट लंबा लेख
July 23, 2024
कैसे जलवायु परिवर्तन ने ईंट भट्ठा मज़दूरों को कर्ज़ में डुबो दिया है?
ईंट का कारोबार मौसम पर निर्भर है लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही चरम मौसमी घटनाएं इस उद्योग को प्रभावित कर रही हैं।
July 22, 2024
फोटो निबंध: कैसे औद्योगीकरण ने एन्नोर को तबाही की तरफ़ धकेल दिया है
कभी उपजाऊ आर्द्रभूमि रहा एन्नोर अब भीषण पर्यावरण संकट का सामना कर रहा है जिसने लोगों के स्वास्थ्य और आजीविका को बुरी तरह प्रभावित किया है।
नूरन्निशा, हाइरुन्निशा | 10 मिनट लंबा लेख
July 15, 2024
फोटो निबंध: नानकमत्ता के मौसमी मछुआरे
हवा के टकराने से टूटती अस्थायी झोपड़ियों में रहने से लेकर मच्छरों से जूझने तक, उत्तराखंड के नानकसागर बांध पर डेरा डाले एक मौसमी मछुआरे का जीवन कठिन है। लेकिन चुनौतियों के साथ कुछ ईनाम भी मिलते हैं।
प्रकाश चंद | 5 मिनट लंबा लेख
July 11, 2024
समाजसेवी संस्थाओं के जमीनी कार्यकर्ताओं की मुख्य चुनौतियां क्या हैं?
आईडीआर का एक अध्ययन बताता है कि ज़मीनी कार्यकर्ताओं को किन बिंदुओं पर समाजसेवी संस्थाओं से समर्थन की अपेक्षा होती है।
July 9, 2024
फोटो निबंध: मिलेट क्रांति की राह में क्या बाधाएं हैं?
मज़बूत लग रही सरकारी नीतियों के बावजूद, किसानों के पास मोटे अनाजों को उगाने, प्रोसेसिंग करने और उन्हें संग्रहित करने के लिए ज़रूरी सुविधाएं और समर्थन नहीं हैं।
विपुल गुप्ता, ईशा चावला | 7 मिनट लंबा लेख
June 10, 2024
थारू आदिवासी: जहां प्रतिरोध एक परंपरा है
लखीमपुर खीरी के थारू आदिवासी, दुधवा नेशनल पार्क की स्थापना के समय से ही वन विभाग के साथ संघर्ष कर रहे हैं और अब उनकी दूसरी-तीसरी पीढ़ी इसे आगे बढ़ा रही है।
सहबिनया राना, रामचंद्र | 2 मिनट लंबा लेख
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