नागालैंड में सूखे फूल, बाजारों और दुकानों में अक्सर देखे जाते हैं। स्थानीय लोग मानते हैं कि यह प्रथा 1990 के दशक में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य ताजे फूलों को सड़ने से बचाना और उन मौसमों के लिए तैयारी करना था जब कुछ विशेष फूलों की प्रजातियां नहीं खिलती। हालांकि नागालैंड की भौगोलिक स्थिति और जलवायु कई मौसमी फूलों के लिए अनुकूल हैं, फिर भी ये पूरे साल उपलब्ध नहीं होते। इस समस्या के समाधान के लिए फूलों को संरक्षित करने की तकनीकों का विकास किया गया, ताकि उनके सौंदर्य को लंबे समय तक बनाए रखा जा सके।
एक वित्तीय संस्थान में काम करने वाले और फूलों के शौकीन ज़ुचानो किथन कहते हैं, “1990 के दशक में मैं [कोहिमा के पास एक शहर] वोखा में पला-बढ़ा। वहां मैं अपनी बहनों के साथ मौसमी फूलों की खेती करता था, खासतौर पर ऑर्निथोगलम (घास लिली) की। हम उन्हें अपने घरों में लगाते थे। मौसम खत्म होने के बाद हम देखते कि गमलों में लगे फूल सूख जाते थे, उनका सफेद रंग एक खूबसूरत ऑफ-व्हाइट शेड में बदल जाता था। हमने फूलों की सुंदरता को बनाए रखने के लिए उन्हें उल्टा लटकाना शुरू कर दिया। मेरे पिता भी जंगली फूलों के बहुत शौकीन हैं और जंगल में घूमने के दौरान, वे उन्हें घर लाते और सुखाते थे।”
हालांकि, फूलों को सुखाने की परंपरा जो एक जरूरत के तौर पर शुरू हुई थी, कई महिलाओं के लिए आजीविका का विकल्प बन गई है। ये महिलाएं दुकानों, फुटपाथों और बाजारों में गुलदस्ते, बुकमार्क और सभी प्रकार की फूलों की सजावट वाले सामान बेचती हैं। यह फोटो निबंध फूल विक्रेताओं के अनुभवों, उनकी उद्यमशीलता की यात्रा, चुनौतियों और अवसरों को दर्शाता है। साथ ही इन सूखे फूलों की लोकप्रियता ने नागालैंड के समाज में जो क्रमिक परिवर्तन लाया है, उनकी एक झलक भी यहां दिखती है।
फूलों को क्यों सुखाया जाता है?
बीते कुछ सालों में, नागालैंड में उपभोक्ता व्यवहार में बदलाव आया है। कई स्थानीय फूल विक्रेताओं ने बताया है कि लोग अब फूलों को ज्यादा महत्व देते हैं, जिसके कारण फूलों की खरीदारी बढ़ रही है और इन्हें तोहफे देने के लिए एक अच्छे विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। अलग-अलग फूल और उनके रंग अलग-अलग भावनाओं का प्रतीक हैं, जैसे दोस्ती, प्यार, शांति और कृतज्ञता! कभी-कभी, फूल बस देने की खुशी को भी जाहिर करते हैं। कई लोग ताजे फूलों को पसंद करते हैं, लेकिन उनका जीवनकाल बहुत कम होता है। समारोहों और पार्टियों में अक्सर ताजे फूलों की सजावट होती है जिन्हें बाद में फेंक दिया जाता है। हाल के सालों में, सूखे फूल पर्यावरण के अनुकूल जीवन के प्रतीक के तौर पर उभरे हैं। यह उन लोगों के लिए दिलचस्प विकल्प है जो अपने उपहारों में नया बदलाव लाना चाहते हैं।
ज़ुचानो कहते हैं कि लंबे समय तक चलने वाले सूखे फूल उपहार देने के लिए आदर्श विकल्प बन गए हैं। कई लोग उपहार की याद को बनाए रखने और उसे लंबे समय तक संजोने के लिए मिले हुए ताजे फूलों को सुखाने का विकल्प भी चुनते हैं।
राज्य में सूखे फूलों की लोकप्रियता के पीछे कुछ और कारण भी हैं। स्थानीय फूल विक्रेताओं का मानना है कि नागालैंड में बिकने वाले ज़्यादातर ताजे फूल राज्य के बाहर से आते हैं, जबकि सभी सूखे फूल स्थानीय स्तर पर उत्पादित होते हैं। नागालैंड में केवल मौसमी फूल- जैसे ऑर्किड, स्टेटिस और लिली- ही पनपते हैं, ऐसे में विक्रेता दूसरे ताजे फूलों के लिए बाहरी स्रोतों पर निर्भर हैं। ज्यादातर मौसमी फूल कुछ खास इलाकों में ही खिलते हैं लेकिन कॉसमॉस और गुलदाउदी जैसे पूरे साल खिलने वाले फूल यहां के सामान्य मौसम के अनुकूल नहीं हैं। जब फूलों का मौसम खत्म हो जाता है, तब न बिक पाने वाले फूलों को सुखाकर बिक्री के लिए तैयार किया जाता है।
फूलों का संरक्षण एक नाजुक और लंबी प्रक्रिया है जो मौसमी उतार-चढ़ाव, बाजार की मांग और दूसरे कारणों के हिसाब से अलग-अलग होती है। इनसे प्रभावित एक ऐसा लोकप्रिय सूखा फूल है स्टेटिस, जो आमतौर पर बाजारों और फूलों की दुकानों में पाया जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों में, इसे बसंत के मौसम (मार्च-अप्रैल) के दौरान उगाया जाता है, जबकि मैदानी इलाकों में इसे अक्टूबर और नवंबर में लगाया जाता है। कटाई के बाद, फूल वाले इन फूलों को झड़ने से बचाने और उनकी सुंदरता को बनाए रखने के लिए उन्हें उल्टा लटकाकर सुखाते हैं।
कुछ फूल प्राकृतिक रूप से सूख जाते हैं वहीं कुछ को फूल विक्रेता इनकी जीवंतता बढ़ाने और बाजार की मांग को पूरा करने के लिए उन्हें रंग देते हैं। कोहिमा में, फूलवाले तेज बारिश के मौसम में अपने सूखे फूलों को फफूंद से बचाने के लिए भी रंगते हैं।
महिला उद्यमियों के लिए एक फलता-फूलता व्यवसाय
नागालैंड में फूलों का कारोबार कई महिलाओं को स्थायी आजीविका प्रदान कर रहा है। इनमें से एक हैं ज़ुविनु टेट्सो। ज़ुविनु कोहिमा के बीओसी में बांस मार्केट में एक सफल स्टॉल चलाती हैं। कुछ सालों तक सब्जियां बेचने के बाद, उन्होंने 2021 में फूलों के कारोबार शुरू किया। वे अपने खूबसूरत सूखे फूलों के लिए जानी जाती हैं, जिन्हें वह अपने शेड के ऊपर सुखाती हैं। वह बताती हैं, “मैं ताजे फूल भी बेचती हूं, लेकिन अगर वे बिक नहीं पाते, तो वे जल्दी सड़ जाते हैं और इससे नुकसान होता है। सूखे फूलों के साथ ऐसा नहीं होता, क्योंकि उन्हें सालभर रखा जा सकता है। यही सूखे फूल मेरे स्टोर में पर्यटकों और ग्राहकों को पसंद आते हैं। इस कारोबार से ज़ुविनु अपने परिवार का भरण-पोषण कर पा रही हैं। हालांकि, वह चाहती हैं कि उन्हें एक बड़ी जगह मिल जाए क्योंकि उनके मौजूदा छोटे स्टॉल में ग्राहकों के लिए घूमना भी मुश्किल होता है और फूलों को सही तरीके से प्रदर्शित करना भी।
ज़ुविनु की तरह, टेम्सुयांगला पोंगेन भी कई सालों से फूल बेचने का काम कर रही हैं। वह इस व्यवसाय के ज़रिए अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। उनका यह व्यवसाय खासतौर पर इंडोर प्लांट्स यानि घर के भीतर सजाए जाने वाले पौधों और सूखे फूलों पर केंद्रित है, जिसकी बाजार में काफी मांग है। टेम्सुयांगला, जो नागालैंड फ्लावर ग्रोवर्स सोसाइटी में उपाध्यक्ष भी हैं (एक गैर-लाभकारी संस्था जो उद्यमियों का सहयोग करती है) समझाती हैं, “इंडोर प्लांट्स और सूखे फूलों का सही से खयाल रखा जाए तो वह लंबे समय तक चलते हैं, यही खासियत उन्हें बहुत फायदेमंद बनाती है। मैंने पांच साल पहले एक राजनेता के लिए सूखे फूलों का गुलदस्ता बनाया था, और वह आज भी बिल्कुल नया जैसा दिखता है।”
उद्यमी बनने की संभावना और इससे मिलने वाली आजादी एक और अहम वजह है कि, लोग नौकरी करने की बजाय इस व्यवसाय की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कोहिमा ट्रेड सेंटर में एक फूलों की दुकान की मालिक रुकुनु केनाओ सूखे और ताजे दोनों तरह के फूल बेचती हैं। नवंबर 2023 में अपना व्यवसाय शुरू करने से पहले, उन्होंने चार साल तक कोहिमा जिला न्यायालय में एक निजी वकील के रूप में काम किया। अब नागालैंड के कई फूल विक्रेता डिजिटल हो गए हैं और अपने उत्पादों को दिखाने और बेचने के लिए इंस्टाग्राम का उपयोग करते हैं। अक्सर, उन्हें राज्य के बाहर से भी ऑर्डर मिलते हैं। रुकुनु भी एक इंस्टाग्राम अकाउंट (peta_lparadise) चलाती हैं, जहां वह फूलों को दिखाती और बेचती हैं। हालांकि उन्हें स्टोर में पूरा समय देना जरूरी है इसलिए रोजाना सोशल मीडिया पर पोस्ट करना किसी चुनौती से कम नहीं लगता।
पहला कदम उठाने वालों का नुकसान
सूखे फूलों का कारोबार 1990 के दशक की शुरुआत से अब काफी आगे बढ़ चुका है। पहले उद्यमियों को बड़े बाजारों तक पहुंच बनाने और उन तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ा था। उदाहरण के लिए, 1994 में केवीमेसे-ii, ने जब फूलों को संरक्षित करना शुरू किया तब वह बीस साल की थी। वे बताती हैं, “पहले, सूखे फूल आमतौर पर सर्दियों के मौसम में बाजारों में दिखाई देते थे, लेकिन अब वे पूरे साल मिलते हैं।” उनके लिए, यह एक झटके जैसा था। उन्होंने फूलों का इस्तेमाल बुकमार्क और फ्रेम वाली सजावटी चीजें बनाने के लिए किया। इनमें से बहुत से तो उन्होंने अपने दोस्तों को तोहफे के तौर पर दी और कुछ को घर पर सजाया।
केवीमेसे-ii ने एक बार अपनी इस कारीगरी को बड़े व्यवसाय में बदलने का सपना तो देखा, पर सफलता नहीं मिली। वह बताती हैं, “1994-95 के आसपास, मुझे एक व्यवसायी से मिलवाया गया, जिसने बताया कि वह दिल्ली हाट [दिल्ली में एक ओपन-एयर क्राफ्ट बाज़ार जिसमें कई भारतीय राज्यों के स्टॉल हैं] में एक प्रदर्शनी में भाग लेगा। मैंने सूखे फूलों के टुकड़ों को फ्रेम के साथ तैयार किया और उन्हें कार्यक्रम के लिए भेज दिया, इस उम्मीद में कि कुछ पैसे कमाऊंगी और अपना व्यवसाय शुरू करूंगी। लेकिन एक बार जाने के बाद दोबारा उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया।”
हालांकि अब हालात अलग हैं। अब कोई बिचौलिया नहीं है और आजकल, कई फूल उद्यमियों ने मोबाइल फोन और सोशल मीडिया को अपना लिया है। केवीमेसे-ii का मानना है कि इस नई पीढ़ी के फूल विक्रेताओं की सफलता के पीछे उनकी उद्यमिता और रचनात्मकता, सरकार और स्थानीय लोगों का सहयोग, और इंटरनेट की व्यापक पहुंच है।
साथ मिलकर फूल उगाएं
इस बदलाव का एक कारण राज्य के फूल विक्रेताओं को एकजुट करने का प्रयास भी है। नागालैंड फ्लावर ग्रोवर्स सोसाइटी की स्थापना साल 2006 में हुई। यह फूल उत्पादकों के लिए एक ऐसा मंच है जहां वे एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं और बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ा सकते हैं। सोसाइटी की महासचिव मेयेविनो बताती हैं कि इस मंच की शुरुआत नागालैंड सरकार के बागवानी विभाग की ओर से की गई थी, जब उन्होंने फ्लोरीकल्चर पर काम करना शुरू किया। यह पहल राज्य सरकार की मदद से शुरू हुई, और अब यह सोसाइटी एक पंजीकृत गैर-सरकारी संगठन के तौर में काम कर रही है। हर महीने के दूसरे शुक्रवार को, सोसाइटी कोहिमा के पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में किसानों के बाजार में एक बिक्री का आयोजन करती है। काम करने वाले और महत्वाकांक्षी फूल उत्पादकों के समूहों को अपने उत्पादों को रोटेशन के आधार पर बेचने के लिए जगह दी जाती है, क्योंकि बाजार सभी सदस्यों को एक साथ समायोजित नहीं कर सकता है।
मेयेविनो राज्य के बाहर से ताजे फूलों की आवक के बारे में कहती हैं, “हम अपने सदस्यों को ताजे फूल उगाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन ऐसा काम शुरू करने के लिए काफी लागत लगती है, जो कई सदस्यों के पास नहीं है। फूलों के व्यवसाय के लिए निवेश सुरक्षित करना भी चुनौती वाला काम है। पिछले साल, हममें से कुछ लोगों ने कम लागत वाला पॉलीहाउस बनाने के लिए एक छोटा सा कर्ज लिया था, लेकिन दुर्भाग्य से, इस साल की हवाओं ने उसे खराब कर दिया।” उन्होंने बताया कि बहुत से सदस्यों को पॉलीहाउस की कमी की वजह से राज्य के बाहर से आने वाले ताजे फूलों पर निर्भर रहना पड़ता है। राज्य का बागवानी विभाग हर साल आवेदकों को पॉलीहाउस मुहैया करवाता है, लेकिन मांग ज्यादा होने के कारण सभी को इसका फायदा नहीं मिल पाता। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह चयन जिला बागवानी अधिकारी करते हैं। और (फूलों की) फसलों के साथ-साथ पॉलीहाउस के लिए सामान बांटने का काम उन्हें उसी फंड से करना जरूरी है जो केंद्र की तरफ से आवंटित होता है।
नागालैंड फ्लावर ग्रोवर्स सोसाइटी की महिला सदस्य पिछले एक दशक से फूलों के व्यापार में हैं। उन्होंने एक दिलचस्प बदलाव देखा है—असल में अब पुरुष पहले से ज्यादा फूल खरीदने लगे हैं, जो वाकई एक दुर्लभ नजारा है। कई विक्रेताओं का कहना है कि पहले, जब पुरुषों से उनके साथी के लिए फूल खरीदने के लिए कहा जाता था, तो वे शर्माते थे और इसे टाल देते थे। यह बदलाव फूल विक्रेताओं के लिए सशक्तिकरण का प्रतीक है, क्योंकि यह सभी जनसांख्यिकी के बीच फूलों की बढ़ती सराहना को दर्शाता है।
नागालैंड में फूलों के मुख्य ग्राहक में पुरुष और महिलाएं—दोनों ही, चाहे वे युवा हों या बुजुर्ग, साथ ही चर्च जैसी संस्थाएं भी शामिल हैं। कई चर्चों के पास सजावट के लिए अलग बजट होता है, जिसे आमतौर पर ताजे और सूखे फूलों पर खर्च किया जाता है। शादी में भी ताजे, सूखे और कृत्रिम फूलों को मिलाकर इस्तेमाल करते हैं। खासकर, अंत्येष्टि के लिए कृत्रिम फूलों की मांग ज्यादा होती है क्योंकि वे टिकाऊ होते हैं और जलवायु के प्रति सहनशील होते हैं।
हालांकि, टेम्सुयांगला और मेयेविनो दोनों ही मांग को पूरी करने के लिए बड़े पैमाने पर उत्पादन की जरूरत पर जोर देते हैं, जिसमें समाज को धन और सहायता की कमी के कारण संघर्ष करना पड़ रहा है। टेम्सुयांग्ला कहती हैं, “हम नागा लोगों के पास जमीन, प्रचुर मात्रा में पानी और कई क्षेत्रों में उपजाऊ मिट्टी है—जो सभी फूल उगाने के लिए उपयुक्त है। अगर हम इन संसाधनों को एकजुट कर सकें, तो हम ज्यादा मजबूत समाज बन सकते हैं।” वह सुझाव देती हैं कि और जिलों में ज्यादा से ज्यादा तादाद में महिलाओं को संगठित कर प्रशिक्षित किया जा सकता है जिससे ताजे मौसमी फूलों की खेती के लिए सभी जरूरतें पूरी हो सकती हैं। इस नजरिए के पीछे का उद्देश्य कोहिमा और दीमापुर को स्थानीय फूलों की आपूर्ति करना है, जिससे राज्य के बाहर से फूलों के ऑर्डर को पूरा करने की आवश्यकता कम हो जाएगी और रोजगार के अवसर भी पैदा हों। वह आगे कहती हैं, “मौजूदा कमियों को दूर करके और एक मजबूत नेटवर्क बनाकर, हम दूसरे राज्यों के ग्राहकों को भी रोजाना फूलों की आपूर्ति कर सकते हैं।”
नागालैंड फ्लावर ग्रोवर्स सोसाइटी को उम्मीद है कि विभिन्न संगठन उन्हें सभी जिलों में उद्यमियों के समूह संगठित करने में मदद करेंगे। इसके साथ ही, उन्हें फूल उगाने, संरक्षित करने और आपूर्ति करने के लिए जरूरी उपकरण भी मुहैया किए जाएंगे, ताकि फूलों की खेती का उद्योग फल-फूल सके।
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