भारत की पर्यावरण प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन जैसी समस्याओं का हल ई-वाहनों में खोजा जा रहा है लेकिन क्या परंपरागत वाहनों को सुधारने वाले अनगिनत मैकेनिक भी इसमें शामिल हैं?
शोध बताते हैं, जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में साल 1982 से 2020 के बीच शीत लहरों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है और इससे सबसे अधिक प्रभावित उत्तर भारतीय राज्य होते हैं।
ब्रिजस्पैन की एक रिपोर्ट जो बताती है कि कैसे देश के सीमांत किसान जिनमें मुख्यरूप से आदिवासी, दलित और महिला किसान शामिल हैं, जलवायु संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
सुधार के दावों के बावजूद, भारतीय अपराध कानून आज भी बहुत असंगत तरीके सजा देते, नागरिक मामलों का अपराधीकरण करते और अंग्रेजों के जमाने के मूल्यों को ढोते दिखते हैं।