असम में बाढ़ का नतीजा है भीगे धान और ख़ाली पेट

Location Iconनगाँव ज़िला, असम

असम में मई की शुरुआत से ही होने वाली मूसलाधार बारिश के कारण जहां राज्य में एक तरफ़ बाढ़ और भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की घटनाएं हो रही हैं वहीं दूसरी तरफ़ तटबंध के टूटने और जलभराव की स्थिति भी पैदा हो गई है। दक्षिण पश्चिम से आने वाला मानसून जून या जुलाई के माह तक असम पहुँच जाता है। हालांकि इस साल मानसून के पहले ही उम्मीद से ज्यादा बारिश हुई। नतीजतन पूरा असम राज्य जलमग्न हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश की तीव्रता और इसके आगमन के समय में आए बदलाव का कारण जलवायु परिवर्तन है। इससे भी अधिक चिंता वाली बात यह है कि मानसून के समय होने वाली भारी बारिश का आना अब भी बचा हुआ है। 

आमतौर पर बोरो प्रजाति के चावल की पहली रबी फसल अप्रैल और जून महीने के बीच पक कर तैयार होती है। यह समय मानसून से तुरंत पहले का समय होता है। लेकिन इस बार धान की ज़्यादातर फसलों को या तो नुक़सान पहुँचा है या फिर वे पानी में बह गईं। खेतों में बाढ़ का गंदा पानी जमा हो गया और कम से कम 82,000 हेक्टेयर भूमि में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। मिट्टी की उपजाऊ ऊपरी परत को नुक़सान पहुँचा है जिसके कारण नई पौध को अपनी जड़ें जमाने में मुश्किल होगी। खेती वाली ज़मीन में आई कमी का सीधा असर असम की आय और खाद्य सुरक्षा पर पड़ेगा जहां के 75 फ़ीसदी लोगों की आजीविका का साधन खेती ही है। 

मैं नगाँव जा रहा हूं जो बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित ज़िलों में से एक है। नगाँव को गुवाहाटी से जोड़ने वाले हाईवे के किनारे लगभग दो किलोमीटर तक सभी खेतों में कटे हुए धान रखे है। फसल अब भी भीगी हुई है और उसमें से सड़ने की बू आ रही है। हम लोग कुछेक किसान परिवारों से बात करने के लिए रुके और उनसे उनकी बर्बाद हुई मेहनत के बारे में पूछा। बचाए गए धान का ज़्यादातर हिस्सा खाने लायक़ नहीं रह गया है और इसे खाने से दस्त जैसी बीमारियां हो सकती हैं।पूछने पर एक किसान ने कहा, “हम जानते हैं कि ऐसा हो सकता है लेकिन हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इसे खाने से कम से कम हमारा पेट भरेगा। इसे बेच नहीं सकते इसलिए हमें ही इसे खाना होगा। भूख से मरने से अच्छा है बीमार होना।” पुरुष, महिलाएँ और बच्चे सभी मिलकर फसल को बचाने के काम में लगे हुए है। बाक़ी सारा काम ठप्प पड़ा हुआ है।

गीता लामा सेव द चिल्ड्रन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया पोर्टफ़ोलियो के प्रबंधन का काम करती है।

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