एप्प से आंदोलन तक: क्या है तेलंगाना के राइड चालकों की मांग?

Location Icon हैदराबाद जिला, तेलंगाना

कोविड-19 महामारी के दौरान राइड सेवा मुहैया कराने वाली एग्रीगेटर एप्प की कुल संख्या में तेजी से इज़ाफा हुआ, जिससे गिग संबंधी कामों में भी वृद्धि आयी। 2019 से पहले जहां केवल दो या तीन राइड एप्प मौजूद थी, वहीं आज इनकी संख्या बढ़कर दर्जनों तक पहुंच गयी है। ऐसे में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए बुकिंग का किराया घटाती रहती हैं, जिससे मेरी तरह बहुत से गिग और प्लेटफॉर्म वर्करों की कमाई में लगातार गिरावट आ रही है।

बीते कुछ वर्षों में तेलंगाना गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन ने इस मुद्दे पर बहुत से अभियानों और हड़तालों का संचालन किया है। 2023 में हमने हैदराबाद में ‘नो एसी कैंपेन’ की शुरुआत की। एक तो हमें वैसे ही राइडिंग एप्प से कोई खास कमाई नहीं होती और उस पर अगर हम गर्मी में एसी भी चलाएंगे, तो हमारी कोई बचत नहीं हो पाएगी। इसलिए जब कोई विकल्प नहीं बचा, तो हमने गर्मियों में बिना एसी के गाड़ियां चलानी शुरू कर दी। हमारी मुहिम एक हद तक सफल भी हुई। इसने ग्राहकों के साथ-साथ एप्प कंपनियों का भी ध्यान खींचा। नतीजन कुछ एप्प कंपनियों ने हमारे किराए में मामूली बढ़ोतरी की। लेकिन कंपनियों को यह समझना चाहिए कि जब भीषण गर्मी पड़ती है, तब बदले हुए मौसम के अनुसार हम भी उचित किराया पाने के हकदार हैं।

गिग और प्लेटफॉर्म वर्करों के हितों की रक्षा के लिए यूनियन लगातार कानूनों की मांग कर रही है। हमने तेलंगाना गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स (अधिकार और कल्याण) विधेयक का प्रस्ताव दिया है, जिसमें गिग और प्लेटफॉर्म वर्करों के लिए एक विशिष्ट पहचान प्रणाली, न्यूनतम मजदूरी, समान किराया और शिकायत निवारण तंत्र जैसे जरूरी प्रावधान शामिल हैं।

हमारी मांगों की सुनवाई और कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए यूनियन लगातार सरकार और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर रही है। उदाहरण के लिए, हम चार वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कैब ड्राइवरों को निःशुल्क पार्किंग, शौचालय और विश्राम स्थलों की सुविधा मुहैया कराने में सफल हुए हैं। आज जब गिग और प्लेटफॉर्म से जुड़ी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सरकार और निजी कंपनियां हमारे हितों की अनदेखी न करते हुए हमें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करें।

इन तमाम प्रयासों के बावजूद हम अभी भी बेहद कम किराए पर काम करने के लिए विवश हैं। महामारी से पहले हम 6 घंटे में जितना कमा लेते थे, उतना अब 15 घंटे काम करने के बाद भी संभव नहीं हो पाता है। इस समस्या के चलते हमने हाल ही में एक नयी मुहिम शुरू की है। हम ग्राहकों को मैसेज करते हैं कि कम किराए के कारण हम उनकी राइड स्वीकार नहीं कर सकते। साथ ही हम उन्हें किसी अन्य राइड एप्प को आज़माने की सलाह देते हैं। अक्सर ग्राहक हमसे कहते हैं कि वे अतिरिक्त भुगतान करने को तैयार हैं। लेकिन हमें ग्राहकों की जेब से पैसे नहीं चाहिए। हमारी मांग बस इतनी है कि सभी कंपनियां और एग्रीगेटर एप्प समान और उचित किराया निर्धारित करें। इससे हमारी आय स्थिर रहेगी और पीक-आवर (जब मांग ज़्यादा होती है) के अलावा अन्य समय पर किराए में आने वाली गिरावट को रोका जा सकेगा।

मौजूदा समय में हर एग्रीगेटर एप्प केवल अपने प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ने की होड़ में अधिक से अधिक ग्राहकों को रिझाना चाहती है। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि इसका खामियाजा गिग और प्लेटफॉर्म वर्करों को भुगतना पड़ रहा है। इसलिए हमारी यूनियन बदलाव चाहती है। हमारा लक्ष्य है कि कंपनियां न केवल ग्राहकों की जरूरतों को ध्यान में रखें, बल्कि गिग वर्करों के लिए भी उचित वेतन और सम्मानजनक कार्य परिस्थितियां सुनिश्चित करें।

मोहम्मद अब्दुल मज़हर अफ़सर तेलंगाना गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन के सदस्य हैं।

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