पैसे, भूकंप और विकास

Location Iconउत्तरकाशी जिला, उत्तराखंड

उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के राकेश राव की उम्र पचास वर्ष है। वह गंगोत्री शहर में आने वाले तीर्थ यात्रियों और गंगा के स्त्रोत देखने आने वाले पर्यटकों के लिए गाइड का काम करते हैं। इसी जगह पर अक्टूबर 2020 में मेरी और मेरे एक सहकर्मी की मुलाक़ात इनसे हुई थी। 

राकेश ने हमें इस इलाके में होने वाले स्थानीय विकास की कुछ मजेदार कहानियाँ सुनाईं। उन्होने बताया कि 1991 के पहले, उनके गाँव के कुछ ही लोगों के पास पैसे थे। उनके परिवार के लोग एक दिन में सिर्फ दो जग पानी का ही इस्तेमाल करते थे क्योंकि उन्हें पानी लाने के लिए नीचे बहुत दूर चलकर नदी तक जाना पड़ता था। ज़्यादातर घरों की छतें फूस से बनी थीं और वे अक्सर ही जल जाया करती थीं।  

1991 में, गढ़वाल के गांवों को बदलने वाली दो परिवर्तनकारी शक्तियाँ आईं: भारतीय अर्थव्यवस्था का उदारीकरण, और एक विनाशकारी भूकंप। इस भूकंप में पूरे उत्तराखंड में लगभग 700 लोग मारे गए और 40,000 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा। राकेश के गाँव के ज़्यादातर घर बर्बाद हो चुके थे, लेकिन उन्हें पुनर्निर्माण के लिए सरकार से 15,000 रुपए मिले थे। 

नकद पैसे और उदारीकरण के बाद तेजी से हो रहे आर्थिक विकास ने गाँव के लोगों का जीवन भी तेजी से बदल दिया। राकेश के अनुसार, 2020 में लोग अपनी गायों को 1991 की तुलना में बेहतर घरों में रखते हैं। गाँव में अब पानी की व्यवस्था है जिससे लोगों का वह समय बच जाता है जो पहले पानी लाने के काम में लगता था। साथ ही अब घरों में पानी का इस्तेमाल पहले से अधिक मात्रा में होने लगा है। घर के छतों की सामग्री बेहतर होने से अब आग भी कम लगती है। बेहतर सड़क और परिवहन होने के कारण अब लोगों को बाहर से आने वाली सामग्रियाँ आसानी से मिल जाती हैं। 

राकेश ने खुद का जीवन भी बदलते देखा है। उसकी एक बेटी और दो बेटे हैं और औपचारिक रूप से तीनों के पास नौकरी है। उसका परिवार अब भी खेती करता है लेकिन जीविका के लिए अब इस पर निर्भर नहीं है। 

माइकल हेनरी कनाडा के नागरिक हैं और इन्होनें 2019–20 में आईडीइनसाइट के साथ काम किया था।  

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