मेरा नाम सविता डामोर है। मैं बांसवाड़ा, राजस्थान की एक ग्राम पंचायत मस्का बावड़ी की निवासी हूं। हमारे यहां बरसात के दिनों में खूब पानी आता है लेकिन इसे इकठ्ठा करके इस्तेमाल करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। गांव में बनी छोटी नहर (एनिकट) में भी मिट्टी भर चुकी थी। इसलिए हम गांव के लोगों ने मिलकर तय किया कि इस एनिकट को अधिक गहरा किया जाए।
इसको लेकर हम सब लोगों ने ग्राम सभा में जाकर प्रस्ताव दिया, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया। इसमें ख़ास यह था कि हमने केवल श्रमदान करने के बजाय पंचायत के पास जाकर सरकारी योजनाओं के माध्यम से इसे करने का निर्णय लिया। अब इससे हमारे गांव के लिए जल संसाधन का निर्माण तो हो ही रहा है बल्कि साथ ही यहां के लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी मिल रहा है।
एनिकट के गहरीकरण में हमें कई फायदे दिख रहे हैं। अब इसके ज़रिये न केवल यहां आसपास के चालीस बीघा क्षेत्रों की खेती के लिए पर्याप्त पानी मिल पाएगा बल्कि पशुओं के लिए भी साल भर के लिए पानी की व्यवस्था हो जाएगी। यही नहीं, अब इससे आसपास के जलस्रोतों के गिरते जल स्तर में भी सुधार होगा।
सविता डामोर वाग्धारा संस्था के साथ बतौर को-ऑर्डिनेटर काम करती हैं। गांव में वह जलदूत के रूप में जल-संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर काम करती हैं। इसके अलावा वह नागरिक तथा महिला अधिकारों और खेती जैसे विषयों पर भी काम करती हैं।
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