दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र की गलियों में काम कर रहे आगाज थियेटर ट्रस्ट ने कम्युनिटी लीडरशिप की अलग ही परिभाषा गढ़ी है। ऐसी लीडरशिप, जो समुदाय के भीतर से आती है, रोज की जिंदगी से जुड़ी है और जिसे लोग अपना मानते हैं।
नगीना, नगमा और जैस्मिन जैसे कई नाम इस बात का उदाहरण हैं कि जब कोई लीडर समुदाय से आता है, तो वो न सिर्फ समस्याओं को बेहतर समझता है, बल्कि उसके समाधान भी जमीनी और भरोसेमंद होते हैं। ये लीडर्स बताती हैं कि नेतृत्व सिर्फ नीतियों से नहीं, अनुभव और जुड़ाव से बनता है।
यह वीडियो कहानी इस विचार को सामने लाती है कि बाहर से आने वाला कोई विशेषज्ञ चाहे जितना सक्षम हो, वह उस समझ और भरोसे को नहीं पा सकता जो भीतर से आने वाले लीडर के पास होता है।
कम्युनिटी लीडरशिप का यह मॉडल हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम असल में लोगों को लीड करने का मौका दे रहे हैं, या बस उनके लिए फैसले ले रहे हैं?
यह एक झलक है उस नेतृत्व की, जो जड़ से जुड़ा है — और बदलाव की सबसे मजबूत नींव बन सकता है।
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