सरकारी व्यवस्थाओं के साथ काम करने वाली गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के मानकीकरण और संदर्भीकरण के बीच संतुलन बनाना, हमेशा एक बड़ा सवाल बना रहता है।
इस सरल कोश में कोहोर्ट की शाब्दिक परिभाषा के साथ हम यह भी बताएंगे कि यह शब्द कहां से आया और विकास क्षेत्र में इसका प्रयोग किन संदर्भों में किया जाता है।
फंडर्स और समाजसेवियों का गैर-लाभकारी मीडिया संस्थाओं में निवेश करना जरूरी है क्योंकि वे लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध हो सकने वाले ज्ञान भंडार के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बाहरी सलाहकारों को लाना समाजसेवी संस्थाओं के प्रभाव को बढ़ाने में कैसे मददगार साबित हो सकता है, इस पर रोशनी डालती अंतरंग फ़ाउंडेशन से जुड़ी एक केस स्टडी।
एफएफई का एल्मनाई एंगेजमेंट मॉडल बताता है कि समाजसेवी संस्थाओं से सहयोग और समर्थन पाने वाले, उनके कार्यक्रमों को लंबे समय तक चलाए रखने वाले फ़ंडिंग मॉडल का हिस्सा कैसे बन सकते हैं।
क्या एक समाजसेवी संस्था सीमित संसाधनों में एक बेहतरीन और मज़बूत टीम संस्कृति विकसित कर सकती है, इस सवाल का जवाब अर्पण की प्रतिभा प्रबंधन की रणनीतियां देती हैं।