जब पूरे साल आपकी ना सुनने वाला मैनेजर, बातचीत शुरू करते हुए पूछे कि आप कैसे हैं।
जब आपसे पूछा जाए कि पिछले रिव्यू के बाद, एक साल में आपने क्या-क्या किया (और आप हैं कि जिसे कल से पहले का कुछ याद नहीं है)।
जब आपके लिए ख़ास फ़ीडबैक के नाम पर वे यह बताएं कि आपकी कमियां-कमजोरियां क्या हैं।
जब वे आपसे आपके नए लक्ष्यों (स्ट्रेच गोल्स) के बारे में पूछा जाए और आपने जीवन में पहली बार यह शब्द सुना हो।
अंत में, जब वे आपको संस्था के लिए ज़रूरी और क़ीमती बताते हुए आपकी तारीफ़ करते हैं।
जब वे आपसे कहें कि वे सचमुच यह जानना चाहते हैं कि संस्था आपकी व्यक्तिगत बढ़त में कैसे मदद कर सकती है।
और फिर, आपसे कहा जाए कि वे आपके इस सुझाव से बिल्कुल सहमत नहीं हैं कि वेतन बढ़ाना आपका सहयोग करने का सबसे अच्छा तरीका है।
और, जब आपका मैनेजर यह स्वीकार करे कि वे आपकी कदर करते हैं लेकिन असल में आपको देने के लिए संस्था के पास पैसे ही नहीं हैं।
लेकिन, वे भविष्य में आपको लीडरशिप रोल में देखते हैं… और, उसके बाद ही आपको ज़्यादा पैसे मिल सकेंगे।
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