April 25, 2025

सरकारी योजना 404: लाभ नॉट फाउंड

सरकारी योजनाएं सबके लिए हैं, बस धैर्य आपका मजबूत हो और उम्र लंबी।
4 मिनट लंबा लेख

भारत में सरकारी सेवाओं और योजनाओं के बारे में सोचते ही, हमारी आंखों के सामने एक रोलर कोस्टर राइड का दृश्य उभरता है – हर मोड़ पर कुछ नया ट्विस्ट। पेश है, कुछ ऐसे ही दृश्य और ऐसी यात्राएं जिसमें अगर हिम्मत नहीं छोड़ी तो कभी ना कभी मंजिल तक पहुंच ही जाएंगे…और ना पहुचें तो ‘बेटर लक नेक्स्ट टाइम’।

1. सड़क निर्माण

मुहल्ले में नई सड़क बनी तो लोग बोले ‘जय हो विकास बाबू की’। लेकिन यह क्या? एक ही हफ्ते बाद सड़क फिर से टूटी, ड्रेनेज बनाने के नाम पर। फिर बनी और फिर टूटी, अब केबल लाइन बिछाने के नाम पर। और अब? अब सड़क वहीं पड़ी है… अधूरी, उबड़-खाबड़, जैसे किसी एक्स की याद! जो न पूरी होती है, न भूली जाती है।

आम जनता:

"सड़क नहीं भाई, ये तो सरकारी लव स्टोरी है... सब बिना क्लोज़र दिए चले जाते हैं।"—सरकारी योजनाएं

2. नई सरकारी योजना

सरकार ने फिर एक नई योजना लॉन्च की – ‘हर आदमी के खाते में चांद’! लेकिन जब मुसद्दीलाल बैंक पहुंचा तो पता चला उसका खाता नहीं है। खाता खुलवाने गया तो नंबर से आधार लिंक ही नहीं था। आधार लिंक करवाने गया तो सर्वर डाउन। सर्वर ठीक हुआ तो योजना का टाइम निकल गया।

फेसबुक बैनर_आईडीआर हिन्दी

सरकार कहती है:

"योजना सबके लिए है बशर्ते आप उसके लायक न हों।"—सरकारी योजनाएं

 3. सरकारी ऑनलाइन पोर्टल

पेश है, सरकार का नया मास्टरस्ट्रोक ‘kismat_se_padhai.gov.in’ जहां आप घर बैठे अप्लाई कर सकते हैं! सूरज ने खुद को इंसान साबित करने के लिए कैप्चा में 2+2 = 4 जवाब दिया। इस पर पोर्टल बोला कि यह जवाब गलत है, फिर से कोशिश करें।

घंटो की कोशिश करने के बाद पोर्टल:

"आप हैं तो इंसान ही, रोबोट होता तो उसकी बैटरी कब की डाउन हो गई होती।"—सरकारी योजनाएं

4. सरकारी स्कूल

नेताजी कहते हैं कि सरकारी स्कूल को वर्ल्डक्लास बनाएंगे। जितना स्मार्ट, बच्चा नहीं है उससे ज्यादा, स्मार्ट क्लास बनाएंगे।

आम जनता:

"वाह, नेता कितने दूरदर्शी हैं। सबको अपग्रेड कर रहे हैं, लेकिन आपके बच्चे तो अभी भी किसी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ रहे हैं ना?"- सरकारी योजनाएं

5. सरकारी अस्पताल

बड़े भैया से सुना था कि सरकारी अस्पताल में इलाज सस्ता है, पहुंचे तो मिली लंबी कतार। आधे दिन बाद डॉक्टर बोले, “रुकिए, बिजली चली गई है। लेकिन ऊपर से आदेश आया है कि जल्द इलाज के लिए नया एप्प लॉन्च होगा!”

बड़े भैया:

"क्या ये ऐप मुझे अस्पताल के अंदर इलाज की जगह किसी लाइन में खड़ा कराएगा?"— सरकारी योजनाएं

लेखक के बारे में
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सलोनी सिसोदिया

सलोनी सिसोदिया आईडीआर में मल्टीमीडिया एनालिस्ट हैं। इससे पहले उन्होंने फेमिनिज़म इन इंडिया के साथ सीनियर डिजिटल एडिटर के रूप में भी काम किया है तथा जेंडर, कल्चर, समाज और सिनेमा जैसे विषयों पर मुख्य तौर पर अनुभव रखती हैं। सलोनी ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपनी पढ़ाई की है। वह फोटो निबंध, फोटोग्राफी और ट्रेवल करने में ख़ास रूचि रखती हैं।

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इंद्रेश शर्मा

इंद्रेश शर्मा आईडीआर हिंदी में पार्टनरशिप और आउटरीच हेड हैं। वे संगठन की पहुंच बढ़ाने और असरदार साझेदारी बनाने के लिए विकास सेक्टर से जुड़े विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर काम करते हैं। इन्द्रेश संस्थागत सहयोग को मजबूत करने के साथ-साथ जमीनी संगठनों के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग से जुड़े लेखन में भी सक्रिय रूप से योगदान देते हैं। उनके पास विकास सेक्टर में 13 वर्षों से अधिक का पेशेवर अनुभव है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, ग्रामीण विकास और पंचायती राज जैसे क्षेत्रों में काम किया है। इससे पहले वे सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च संस्था से जुड़े थे, जहां वे रिसर्च, कार्यक्रम निर्माण और प्रशिक्षण के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं।

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