June 13, 2025

गर्मी में फील्ड ट्रिप की चुनौतियां और चाय

एसी दफ्तरों में बैठकर आदेश देने वाले मैनेजर क्या जानें, भीषण गर्मी में फील्ड पर दिन गुजारने वाले कर्मचारियों के दिल का हाल। ये तो चाय है जो सब करवा देती है।
4 मिनट लंबा लेख

1. महीनों से टलती हुई फील्ड ट्रिप जब भीषण गर्मी के मौसम में तय हो जाए और जाना जरूरी हो। 

एक महिला कुर्सी पर बैठी है, गंभीर मुद्रा में सामने देख रही है। चित्र में एक डायलाग बॉक्स है जिसमें लिखा है: "बाहर होगा 47 डिग्री, मेरा पारा तो आसमान छू रहा है।"_फील्ड ट्रिप

2. फील्ड ट्रिप पर निकल तो आए हों लेकिन सनस्क्रीन लगाना भूल जाएं।

एक महिला धूप में खड़ी है, चिंतित और घबराई हुई नजर आ रही है। पीछे दीवार पर किसी राजनितिक पार्टी के कई पोस्टर लगे हैं। एक डायलाग बॉक्स में लिखा है: "वापस जाने पर लोग मुझे पहचान तो लेंगे ना"_फील्ड ट्रिप

3. जैसे-तैसे फील्ड पर पहुंचे तो हों पर समुदाय से कोई दरवाजा खोलने को राजी ना दिखे।

दो महिलाएं किसी बिल्डिंग के आगे खड़ी हैं, एक पीली सलवार-कमीज़ में महिला उदासी से बाईं ओर देख रही है और दूसरी महिला चिंतित चेहरों के साथ दाईं ओर देख रही है। ऊपर डायलाग बॉक्स में लिखा है: "काश कोई दरवाजा खोल देता तो सर्वे के बहाने कूलर की हवा खा लेते"_फील्ड ट्रिप

फेसबुक बैनर_आईडीआर हिन्दी

4. जब बहुत कोशिशों के बाद कोई दरवाजा खोलकर आपकी बात सुनने को राजी हो।

एक महिला और एक पुरुष रंग-बिरंगे पारंपरिक कपड़े की पृष्ठभूमि के सामने खड़े हैं। महिला हाथ जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में है और पुरुष की ओर देख रही है। चित्र में एक डायलाग बॉक्स है जिसमें लिखा है: 'इस तपती धूप में चंदा मामा है आप हमारे"_फील्ड ट्रिप

5. दोपहर भर खाक छानने के बाद जब घर जाने की बारी हो! 

6. गांव के बाहर चाय की टपरी दिखे और आप राहत की सांस लें।

एक चाय की दुकान पर तीन लोग बैठे हैं—एक छोटा लड़का गमछा डाले हुए, और दो लड़कियां जिनमें से एक लाल सूट में है। लड़का गुस्से में दिख रहा है और एक डायलाग बॉक्स में लिखा है: 'दो चाय ले आओ... जाने का रास्ता बाद में बताना"_फील्ड ट्रिप

लेखक के बारे में
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पूजा राठी

पूजा राठी आईडीआर हिंदी में संपादकीय विश्लेषक (एडिटोरियल एनालिस्ट) हैं। इससे पहले, उन्होंने फेमिनिज़्म इन इंडिया में सह-संपादक के रूप में काम किया है, जहां उन्होंने जेंडर, पर्यावरण और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को कवर किया। पूजा को यूएन लाडली मीडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया है और वह 2024 की लाडली मीडिया फैलो भी रह चुकी हैं। इसके अलावा, वह खबर लहरिया की रूरल मीडिया फेलोशिप और एटलस फॉर बिहेवियर चेंज इन डेवलपमेंट की बिहेवियरल जर्नलिज़्म फेलोशिप की पूर्व फेलो रह चुकी हैं। पूजा ने पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की है।

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जूही मिश्रा

जूही मिश्रा आईडीआर में एडिटोरिएल एसोसिएट हैं। उन्हें पत्रकारिता का 14 साल का अनुभव है और उन्होंने पत्रिका, टाइम्स ऑफ इंडिया, रोर मीडिया, दूता टेक्नोलॉजी और ग्राम वाणी के साथ काम किया है। जूही ने विकास संवाद संस्था से फेलोशिप पूरी की है, जहाँ उन्होंने बसोर समुदाय में खाद्य प्रणालियों और कुपोषण के कारणों पर शोध किया।

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