अधिकार

April 30, 2025
बुंदेलखंड की चप्पल प्रथा: स्वाभिमान की कीमत पर सम्मान
बुंदेलखंड इलाके के ललितपुर जिले में आज भी चप्पल प्रथा कायम है जो दलित समुदाय खासकर, महिलाओं के लिए अपमान और असुविधा का कारण बन रहा है।
खबर लहरिया | 3 मिनट लंबा लेख
April 23, 2025
आदिवासी समूहों की एकजुट पहल: जल और जमीन पर अधिकार की मांग
आदिवासी जनजातियां भू-अधिकारों और मत्स्य पालन को लेकर संगठित हो रही हैं, ताकि अपनी पारंपरिक आजीविका को सुरक्षित रख सकें।
बुधाजी दमसे | 9 मिनट लंबा लेख
April 22, 2025
स्वास्थ्य और विकलांगता पर काम कर सशक्त होती पंचायतें
स्वास्थ्य क्षेत्र और विकलांगजन हित में काम करने से ग्राम पंचायतें प्रभावी और संवेदनशील बनती है, जिससे उनका सशक्तिकरण होता है।
April 14, 2025
अंबेडकर की विचार यात्रा कहां से कहां तक जाती है
पुणे स्थित स्वतंत्र शोधकर्ता और लेखक अशोक गोपाल के साथ, हिंदी पॉडकास्ट पुलियाबाज़ी की बातचीत।
April 9, 2025
आईडीआर से समझिए: वन अधिकार अधिनियम, 2006 (एफआरए)
वन अधिकार अधिनिमय, 2006 (एफआरए) से जुड़े चार सबसे जरूरी सवालों के जवाब जो इसके इतिहास, जरूरत, फायदों और चुनौतियों पर बात करते हैं।
February 11, 2025
शहर में बेघर, ऊपर से ठंड का कहर
अक्सर शहरों को सुंदर बनाए जाने के दौरान बेघर लोगों से उनके अस्थाई आश्रय भी छीन लिए जाते हैं जो ठंड और बारिश में उनका जीवन और कठिन बना देता है।
सुनील कुमार अलेडिया | 12 मिनट लंबा लेख
January 28, 2025
पीढ़ी दर पीढ़ी आने वाले सामाजिक बदलावों में बहुत समय और धैर्य लगता है
नट सरीखे पारंपरिक प्रथाओं को मानने वाले समुदाय के साथ काम करते हुए समय, धैर्य और सामाजिक जटिलताओं को गहरी समझ की ज़रूरत होती है।
निशा दुबे | 10 मिनट लंबा लेख
January 15, 2025
फोटो निबंध: अपने श्रम अधिकारों के लिए साकी नाका के श्रमिकों का संघर्ष
मुंबई के कुर्ला में हमाल श्रमिक उचित वेतन और सामाजिक सुरक्षा के अभाव में संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि, अब वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
December 23, 2024
संपत्ति समावेशन क्या है और यह नागरिक अधिकारों से कैसे जुड़ता है?
भारत में संपत्ति क्षेत्र पर हालिया अध्ययन ने हाशिए पर रहने वाले और कमजोर समुदायों के लिए संपत्ति अधिकारों की चुनौतियों को उजागर किया है।
December 16, 2024
विकलांगता और लैंगिक भेदभाव से लड़कर मैं अपने लोगों की मदद कर रही हूं
बाड़मेर, राजस्थान की एक कार्यकर्ता के जीवन के एक दिन का हाल जिसमें वे मानव अधिकारों से जुड़े अपने निजी और सार्वजनिक संघर्षों पर बात कर रही हैं।
पप्पू कंवर | 6 मिनट लंबा लेख
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