स्वास्थ्य

March 4, 2025
सुनना, समझना, सहारा देना: मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता होने के मायने
उत्तराखंड के देहरादून में स्थित एक सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता की दिनचर्या, जो लोगों के साथ भरोसेमंद रिश्ता बनाकर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाती हैं।
गीता शाक्या | 6 मिनट लंबा लेख
February 19, 2025
मानसिक स्वास्थ्य क्या है और इस पर बात किए जाने की जरूरत क्यों है?
तनाव से लेकर अवसाद तक, सभी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के हल मौजूद हैं लेकिन वे कौन सी सामाजिक और व्यवस्थागत बाधाएं हैं जो इन तक पहुंचने नहीं देती हैं।
September 23, 2024
देश में कुपोषण की स्थिति भयावह है, पर कितनी?
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि अभी भी हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाएं और पांच साल तक की उम्र के अधिकतर बच्चे कुपोषण मुक्त नहीं हुए हैं।
प्रिया कुमारी | 2 मिनट लंबा लेख
September 19, 2024
सरल कोश: न्यूट्रीशन या पोषण
अंग्रेज़ी-हिंदी शब्दकोश: विकास सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले कठिन शब्दों की सरल व्याख्या - पोषण।
August 8, 2024
आईडीआर इंटरव्यूज | डॉ. नरेंद्र गुप्ता 
एक्टिविस्ट और स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र गुप्ता बताते हैं कि भारत में स्वास्थ्य के प्रति नज़रिया बदलना क्यों ज़रूरी है और राइट टू हेल्थ अधिनियम और जनस्वास्थ्य अभियान को बढ़ावा देना कितना अहम है।
November 20, 2023
प्राथमिक चिकित्सा का मतलब डॉक्टर और दवाखाना नहीं है
प्राथमिक चिकित्सा में कमी आगे चलकर क्षेत्रीय महामारियों की वजह बन सकती है, इससे बचने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच को लेकर जागरुकता लाने और इसके नए तरीक़े खोजने की ज़रूरत है।
October 11, 2023
भारत में मातृत्व लाभ: पीएमएमवीवाई के अधूरे वादे
प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना में गर्भवती महिलाओं के लिए अपर्याप्त प्रावधान भारत में मातृत्व लाभ की चिंताजनक स्थिति पर प्रकाश डालते हैं।
April 17, 2023
एक सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना, जो सबके लिए हो
केंद्र और राज्य सरकारें चाहें तो अपने सीमित आर्थिक बजट के भीतर ही गंभीर और खर्चीली बीमारियों के लिए यह नई तरह की स्वास्थ्य बीमा योजना ला सकती है और हर सामाजिक-आर्थिक वर्ग के लोग इसका फायदा उठा सकते हैं।
February 15, 2023
आशा कार्यकर्ता: जब अनिवार्य हैं तो औपचारिक क्यों नहीं?
आशा कार्यकर्ता सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसके बावजूद, वे लंबे घंटों, कम वेतन और सामाजिक सुरक्षा की कमी के रूप में अनिश्चित कार्य स्थितियों का अनुभव करते हैं।
February 8, 2023
घुमंतू और विमुक्त जनजातियों के मानसिक न्याय के लिए मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरी है
घुमंतू और विमुक्त जनजातियां भेदभाव, अन्याय और विकास योजनाओं के अभाव का सामना करती हैं। इन समुदायों के मानसिक स्वास्थ्य को इनके संघर्ष से अलग करके नहीं देखा जा सकता है।
दीपा पवार | 9 मिनट लंबा लेख
और पढ़ें