रौशनी बेगम उत्तरप्रदेश, भदोही ज़िले के मोहम्मदपुर गांव में रहती हैं। महज़ 15 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी लेकिन अपने पति के प्रोत्साहन से वे 12वीं कक्षा तक पढ़ाई कर सकीं। परिवार में सबसे बड़ा होने के कारण घर और पांच भाई-बहनों की ज़िम्मेदारी उनके पति पर आ गई जिसे रौशनी […]
उत्तर प्रदेश के नयागांव मोहम्मदपुर गांव की फूलबानो ज़री का काम करती हैं। अपने तीन बच्चों के साथ वे गांव में ही रहती हैं। जब से फूलबानो के पति काम की तलाश में दिल्ली गए हैं, तब से पूरे घर की जिम्मेदारी उनके कंधों पर ही आ गई है। वे कहती हैं कि “राजेश नाम […]
2016 में, वाईपी फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक के तौर पर काम करते हुए मैंने लखनऊ के एक कॉलेज में पुरुषत्व (मस्कुलिनिटी/मर्दानगी) पर एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया था। हमारे कार्यक्रम के पब्लिसिटी पोस्टर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था ‘मर्दानगी क्या है?’; हम चाहते थे कि उस कॉलेज के लड़के इस सवाल का जवाब ढूंढने […]
मैं उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रहने वाला एक शिक्षक और एक्टिविस्ट हूं। मैंने अपना नाम नेविश रखा है क्योंकि एक ग़ैर-बाइनरी व्यक्ति होने के नाते जन्म के समय मिलने वाले अपने नाम, जाति और लिंग से मैं संबंध स्थापित नहीं कर सका। नेविश शब्द में मेरे पसंदीदा रंग (नीला) के अक्षर के अलावा मेरे […]
मैं 2018 से मेधा नाम के एक समाजसेवी संस्था के साथ मिलकर स्टूडेंट रिलेशनशीप मैनेजर (एसआरएम) के रूप में काम कर रही हूं। मेधा युवाओं को उनकी पसंद का काम शुरू करने में मदद करती है। मैंने अपना पूरा जीवन वाराणसी में बिताया है; मैंने स्कूल से लेकर अपनी एम ए तक की पढ़ाई यही की […]