हल्का-फुल्का का यह अंक मज़दूर किसान शक्ति संगठन के सह-संस्थापक शंकर सिंह द्वारा आईडीआर को सुनाए गए एक किस्से पर आधारित है।
जब रिसर्च करने वाले ज़मीन पर पहुंचते हैं –
![एक रिसर्चर और एक भेड़ चराने वाले व्यक्ति के बीच हो रही बातचीत वाला एक रेखाचित्र_रिसर्चर](https://hindi.idronline.org/wp-content/uploads/2024/04/Untitled-design1.jpg)
![एक रिसर्चर और एक भेड़ चराने वाले व्यक्ति के बीच हो रही बातचीत वाला एक रेखाचित्र_रिसर्चर](https://hindi.idronline.org/wp-content/uploads/2024/04/Untitled-design-2.jpg)
![एक रिसर्चर और एक भेड़ चराने वाले व्यक्ति के बीच हो रही बातचीत वाला एक रेखाचित्र_रिसर्चर](https://hindi.idronline.org/wp-content/uploads/2024/04/Untitled-design-1.jpg)
चित्र साभार: ईश्वर सिंह
हल्का-फुल्का का यह अंक मज़दूर किसान शक्ति संगठन के सह-संस्थापक शंकर सिंह द्वारा आईडीआर को सुनाए गए एक किस्से पर आधारित है।
जब रिसर्च करने वाले ज़मीन पर पहुंचते हैं –
चित्र साभार: ईश्वर सिंह
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